मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

बहिष्कार : चीन के सामान को खरीदने के लिए नहीं मिल रहे ग्राहक, इलेक्ट्रॉनिक बाजार में अभी भी चीन का कब्जा - made in India

जब से भारत-चीन के बीच गलवान घाटी में विवाद हुआ है, तभी से देश के हर शख्स ने चीन के माल का बॉयकॉट किया है. लोगों अब स्वदेशी सामानों का ही यूज करना चाहते हैं. दुकानों पर मेड इन चाइना की जगह भारत में बना मोबाइल ही लेना चाहते हैं. यहां तक की चाइनीज खानपान पर भी इसका असर पड़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आत्मनिर्भर की बात कही है. देश को अभी चीन के जितना लेबल लाने में काफी वक्त लग सकता है.

Indigenous demand
स्वदेशी की मांग

By

Published : Jul 20, 2020, 7:06 PM IST

Updated : Jul 21, 2020, 3:22 PM IST

बड़वानी। किसी भी व्यक्ति के लिए उसके देश के सम्मान से बढ़कर कुछ नहीं होता है. देश से ही हर इंसान की पहचान जुड़ी होती है. भारत और चीन के बीच हुए विवाद में 20 सैनिकों की शहादत को लेकर देश के आदिवासी इलाकों में भी चीन की कायराना हरकत को लेकर आक्रोश है. मशहूर कवि अल्लामा इकबाल ने कहा है कि,

"पुर सोज दिलों को जो मुस्कान ना दे पाए, सुर ही ना मिलें जिसमें वो साज बदल डालो", "दुश्मन के इरादों को है जाहिर अगर करना, तुम खेल वही खेलो अंदाज बदल डालो"

प्रदेश के पिछड़े जिलों में शुमार बड़वानी जिले के लोगों ने चाइना में बनी सामग्रियों की खरीदी पर सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. वहीं चाइनीज खाने-पीने की चीजों पर कंट्रोल कर दिया है. कुछ मोबाईल दुकानों पर चाइना मोबाइल की डिमांड भी घटी है, लेकिन टोटल चाइना मोबाइल बेचने वाले दुकानदार का कहना है कि अभी इलेक्ट्रॉनिक सामग्री को लेकर चाइना सामान को बाहर करने में वक्त लगेगा, क्योंकि दाम, क्वालिटी और सर्विसेज के मामले में भारत अभी चाइना से काफी पीछे है.

स्वदेशी की मांग

भारत और चाइना के बीच गलवान घाटी का असर देश के अंतिम छोर तक देखने को मिल रहा है. चीन की हरकत को लेकर ग्रामीण अंचलो में लोग राष्ट्रहित में चाइना सामान का बहिष्कार कर रहे हैं. पहले बाजार कम कीमत के चलते चाइना की चीजों से गुलजार रहता था, लेकिन विरोध के चलते अब दुकानदार भी चाइना के माल को रखने में कतरा रहे हैं. हालात यह हैं कि चाइना का माल बेचने वालों को चाइना का नाम छिपाना या बदलना पड़ रहा है. घर के उपयोग में आने वाली छोटी-मोटी वस्तुओं और चाइनीज खाने के शौकीनों ने मुंह मोड़ लिया है.

चाइनीज फूड का ठेला

कटलरी का व्यापार करने वाले दुकानदार हेमंत का कहना है कि कम कीमत पर घरेलू सामान बेचने के लिए उसने दुकान का नाम पहले चाइना बाजार रखा था, लेकिन अब ग्राहकों के राष्ट्रहित में चाइना के विरोध के चलते दुकानों के नाम घर संसार, लूट बाजार आदि रखा जा रहा है. वहीं मेड इन इंडिया मटेरियल बेचा व खरीदा जा रहा है. चाइनीज खाने के शौकीनों की बढ़ती भीड़ के कम होने के चलते दुकानदार नीरज जाटव ने ठेले पर लिखा चाइनीज नाम भी छुपा लिया है और व्यापार कर रहे हैं.

चाइना के सामान का बहिष्कार

मोबाइल विक्रेता का कहना है कि चाइना के मोबाइल की मांग में काफी कमी आई है. ग्राहक भारतीय कंपनी के मोबाइल की मांग कर रहे हैं. दुकानदार का कहना है कि अभी देश के बने मोबाइल को चाइना के मुकाबले में खड़ा होने में काफी वक्त लगेगा. कई कम्पनियों के बॉक्स पर मेड इन इंडिया लिखा होता है, जबकि सारे पार्टस् चीन से असेंबल किए जाते हैं. देश की मोबाइल कंपनियों को फीचर, क्वालिटी और दाम को लेकर काम करना होगा, साथ ही सर्विस को भी बेहतर बनाना होगा. कई बड़ी कंपनी के मोबाइल में चाइना के पार्टस् डले होते हैं, यदि जल्द ही इससे नहीं उबरा गया तो चाइना का मोबाइल क्षेत्र में एकाधिकार बना रहेगा. भारत-चीन विवाद के चलते स्वदेशी सामानों की मांग तेजी से बढ़ी है, लेकिन देश को कई सुधार करने की जरुरत है.

चीन के भारत के प्रति भाव देखकर देश का हर नागरिक चीनी माल के इस्तेमाल को छोड़कर स्वदेशी सामान को अपनना चाहता है, लेकिन चीन के सामानों ने देश में अपनी पैंठ इस कदर बना ली है कि उससे निकलने में समय लगेगा, पीएम मोदी से लेकर तमाम प्रदेश सरकारें अब स्वदेशी पर जोर दे रहें हैं आने वाले समय में भारत में हर वो चीज बन सकेगी जो अभी चीन से लेनी पड़ती है.

Last Updated : Jul 21, 2020, 3:22 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details