बड़वानी। कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में चौथी बार लॉकडाउन किया गया है. ऐसे में कोई धार्मिक आयोजनों सहित शादी विवाह के कार्यक्रम भी कैंसिल कर दिए गए हैं. लेकिन बड़वानी जिले के पाटी थाना अंतर्गत एक बाल विवाह का मामला सामने आया, जिसे महिला बाल विकास विभाग एवं पुलिस ने सूचना मिलने पर रुकवा दिया है. इसके साथी दोनों परिवार के सदस्यों को समझाइश देकर लड़की की आयु 18 वर्ष हो जाने के पश्चात ही विवाह करने की सलाह दी है. पुलिस ने दोनों पक्षों के परिजनों को चेतावनी देते हुए कहा है कि, बाल विवाह करने पर दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस पर लड़की एवं लड़के दोनों पक्ष के लोगों ने लड़की के बालिक हो जाने पर विवाह करने का आश्वासन दिया है.
महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने ऐन मौके पर पहुंच कर रुकवाया बाल विवाद - Women Child Development Department and police stopped child marriage on information
कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में चौथी बार लॉकडाउन घोषित किया गया है. ऐसे में कोई धार्मिक आयोजनों सहित शादी विवाह के कार्यक्रम भी कैंसिल कर दिए गए हैं. लेकिन बड़वानी जिले के पाटी थाना अंतर्गत एक बाल विवाह का मामला सामने आया, जिसे महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने पुलिस के साथ मौके पर पहुंच कर रुकवा दिया.
![महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने ऐन मौके पर पहुंच कर रुकवाया बाल विवाद Women and Child Development and Police Officers Stop Child Marriage in Barwani](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-7243024-78-7243024-1589780479840.jpg)
दरअसल परियोजना अधिकारी महिला एव बाल विकास से प्राप्त जानकारी अनुसार विकासखण्ड पाटी के ग्राम अम्बापानी मे 17 वर्षीय बालिका का विवाह एक दो दिन मे किये जाने कि जानकारी प्राप्त हुई थी. त्वरित करवाई करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस की टीम ने खाजपुर पाटी मे होने वाले इस बाल विवाह स्थल का मौका मुआयना किया. साथ ही युवक-युवती कि आयु का पता लगाया. जिसमें बालिका 17 वर्षिय का विवाह खाजपुर के युवक के साथ होना था.
पुलिस को पता चला कि, दूल्हें के परिजन शादी करने लिए आ रहे हैं. इस पर बालिका के माता- पिता एवं लड़के के परिजनों को थाने पर बुलाकर समझाया गया, कि बालिका जब तक 18 वर्ष की नहीं हो जाती, उसका विवाह करना गैर कानून है. इस पर दोनों पक्षों पर बाल विवाह की कार्रवाई हो सकती है. जिस पर दोनों पक्षों ने बालिका के बालिग होने पर ही विवाह करने की रजामंदी दी है. अब बालिका का विवाह छोटी आयु में न हो, इसके लिये महिला व बाल विकास विभाग के पदाधिकारी भी नियमित रूप से बालिका के घर पहुंचकर जानकारी लेते रहेंगे.
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