बालाघाट में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात, नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले मतदान को लेकर सारी तैयारियां हो गई है. वहीं नक्सल प्रभावित जिला बालाघाट में 319 मतदान केंद्र पर कड़ी सुरक्षा तैनात कर दी गई है. यहां चप्पे चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात है.
बालाघाट:मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान प्रक्रिया होगी. वहीं मतदान को लेकर चुनाव आयोग द्वारा सारी तैयारियां कर ली गई है. वहीं चुनाव के मद्देनजर बालाघाट जिले के नक्सल प्रभावित विधानसभा लांजी, बैहर और परसवाड़ा के क्षेत्र में जवानों की कड़ी सुरक्षा में सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक वोटिंग होगी. वहीं बालाघाट, कटंगी और वारासिवनी में शाम 6 बजे तक वोटिंग होंगी.
बालाघाट में 1675 मतदान केंद्र:बता दें कि 6 विधानसभाओं में 13 लाख 44 हजार 973 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे. इनमें 6 लाख 66 हजार 723 पुरुष और 6 लाख 78 हजार 242 महिला मतदाता हैं. इसमें 8994 दिव्यांग और 10596 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता भी शामिल हैं. जो 67 प्रत्याशियों का भाग्य तय करेंगे. जिले में 1675 मतदान केंद्र हैं. जिन्हें 177 सेक्टर अधिकारियों में बांटा गया है.
पूरी हुई मतदान की तैयारी: कलेक्टर डॉक्टर गिरीश कुमार मिश्रा ने बताया कि जिले के मतदान केंद्रों पर संचार व्यवस्था पूरी तरह तैनात की गई है. 9 मतदान केंद्र शेडो एरिया में है. यहां रनर के माध्यम से थाने और फिर कंट्रोल रूम तक सूचना पहुंचाने के लिए रेडियो सेट का उपयोग किया जाएगा. साथ ही 99 प्रतिशत पीठासीन अधिकारियों को मत प्रतिशत एप्प डॉउनलोड करा दिया गया है.
319 मतदान केंद्र नक्सल प्रभावित: सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने कहा कि 319 मतदान केंद्र नक्सल प्रभावित है. जहा सुरक्षा की दृष्टि से गस्ती बढ़ा दी गई है. इन मतदान केंद्रों के लिए 3 लेयर में सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए है. 12000 का फोर्स उपलब्ध हुआ है. 319 मतदान केंद्रों पर सीएपीएफ का एक फूल सेक्शन के अलावा हॉक फोर्स तथा ड्रोन के माध्यम से भी निगाहे रखी जायेगी. साथ ही मुख्य निर्वाचन कार्यालय से एक हेलीकॉप्टर और एक एयर मेडिसिन एम्बुलेंस भी दिया जाएगा. फिलहाल बालाघाट जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांतिपूर्ण मतदान को लेकर चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है, ताकि बिना किसी भय और संकोच के निष्पक्ष रूप से मतदान हो सके.