बालाघाट। जनपद पंचायत परसवाड़ा अंतर्गत शैला और चालीसबोड़ी पंचायत के ग्रामीणों को नौ महीने से सरकारी उचित मूल्य की दुकान से राशन नहीं मिलने के मामले को मानव अधिकार आयोग भोपाल ने गंभीरता से लिया है. फल स्वरूप आयोग ने जबलपुर संभाग के कमिश्नर, बालाघाट कलेक्टर और जिला आपूर्ति अधिकारी से मामले की जांच कर 15 दिवस के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.
पिछले नौ महीने से नहीं मिला राशन
बता दें कि जनपद पंचायत परसवाड़ा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत शैला के अंतर्गत आने वाले गांवों के उपभोक्ताओं को पिछले नौ महीने से राशन नहीं मिलने का मामला जिला पंचायत सदस्य दलसिंह पंद्रे द्वारा किए गए गांव के भ्रमण के दौरान सामने आया था. इस मामले को प्रमुखता से दिखाया गया था. इसके बाद मामले को मानव अधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया और अधिकारियों से आयोग ने जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.
राशन नहीं मिलने से ग्रामीण परेशान
वर्तमान परिस्थितियों में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन से न केवल ग्रामीण अंचलों में निवासरत लोगों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है, बल्कि अब पेट की आग शांत करने की जद्दोजहद भी जारी है। आलम यह है कि सुदूर ग्रामीण अंचलों में निवासरत भोले-भाले आदिवासी दलिया, पेज पीकर या जंगलों के कंदमूलों को खाने के लिए बाध्य होने लगे हैं.
राशन की बाट जोह रहे ग्रामीण
ग्राम पंचायत शैला के अंतर्गत आने वाले ग्राम शैला, खापा, घाना, मालखेड़ी, मोहगांव के करीब 450 और चालीसबोड़ी के 150 राशन कार्ड धारियों को पिछले नौ महीनों से राशन नहीं मिल पा रहा है. यहां पर उचित मूल्य की दुकान पर ताला जड़ा है. ग्रामीण दुकान खुलने का इंतजार कर थक गए हैं. सरपंच दशरू सिंह धुर्वे ने बताया कि गांव में लंबे अंतराल से ग्रामीणों को उचित मूल्य दुकान से राशन नहीं मिल रहा है. इसके चलते ग्रामीण बहुत परेशान हैं. आलम यह है कि लोग कंदमूल खाने मजबूर हो गए हैं.