बालाघाट। जिले में विश्व मधुमक्खी दिवस पर कृषि महाविद्यालय में कार्यक्रम का आयोजन हुआ, इस कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि मंत्री तोमर ने शिरकत की. इस दौरान तोमर ने विश्व मधुमक्खी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राजा भोज कृषि महाविद्यालय के 80 करोड़ रुपये की लागत से बने भवन, छात्रावास एवं ऑडिटोरियम हाल का लोकार्पण किया और मधुमक्खी पालन पर आयोजित तकनीकी सत्र एवं मधु एक्स-पो का शुभारंभ किया. विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर कृषि महाविद्यालय परिसर में बैलजोड़ी दौड़ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से आई 170 से अधिक बैल जोड़ियों ने भाग लिया.
तोमर बोले- देश के किसान मुनाफे की खेती करेंः इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार चाहती है कि देश के किसान मुनाफे की खेती करें और आत्मानिर्भर बनें. इसके लिए केन्द्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर निरंतर प्रयास कर रही है. इसके लिए देश में 10 हजार एफपीओ बनाने का काम चल रहा है और इस पर केन्द्रं सरकार 6,865 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. देश में कृषि के मामलों में सबसे पहले पंजाब एवं हरियाणा का नाम आगे आता था, लेकिन मध्य प्रदेश 18 से 20 प्रतिशत कृषि विकास दर के साथ कृषि के मामले में देश का अग्रणी राज्य बन गया है."
भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का केंद्र का संकल्पः केन्द्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि "किसान मुनाफे की खेती कर सकें और प्राकृतिक प्रकोप से खेती की सुरक्षा के लिए फसल बीमा योजना लागू की है. किसान साहूकारों के चंगुल में ना फंसे इसके लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लागू की और किसानों को क्रेडिट कार्ड पर 20 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया है. केन्द्र सरकार गांव एवं किसानों के जीवन में क्रांति लाने का काम कर रही है. वर्ष 2047 में देश की आजादी के 100 साल पूरे होने जा रहे हैं, तब तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लेकर केन्द्र सरकार काम कर रही है."
खेती को घाटे का सौदा नहीं बनने देगी सरकारः वहीं एमपी के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा कि "प्रदेश सरकार किसानों के लिए खेती को घाटे का सौदा नहीं बनने देगी, इसके लिए समर्थन मूल्य पर कृषि उपज क्रय करने की व्यवस्था की गई है. इससे किसानों को 10 हजार करोड़ रुपये का लाभ एक साल में कराया गया है, प्रदेश में कृषि सिंचाई की क्षमता बढ़ाकर 45 लाख हेक्टेयर कर दी गई है."