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वर्चस्व की लड़ाई में टाइगर कि मौत, बालाघाट में बढ़ रही बाघों की संख्या - BODY OF MALE TIGER CUB FOUND IN balaghat

टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में बाघों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. ताजा मामला लालबर्रा वन परिक्षेत्र का है, जहां एक अव्यवस्क नर बाघ का शव मिला है. हालांकि वन्यप्राणी चिकित्सक इसे बाघों के बीच संघर्ष से मौत होने की बात कह रहे हैं, मौत की असली वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगी. लेकिन इसका सुखद पहलू यह है कि जंगलो में बाघों की संख्या बढ़ रही है, जिससे बाघों के बीच इलाके और भोजन को लेकर संघर्ष के मामले सामने आते रहते हैं

Tiger dies in battle for Balaghat supremacy
बालाघाट वर्चस्व की लड़ाई में टाइगर कि मौत

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Published : Apr 4, 2022, 7:35 AM IST

Updated : Apr 4, 2022, 8:02 AM IST

बालाघाट। जंगलो में बाघो की बहुतायत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि हिंसक वन्यप्राणी बाघ की मौत के मामले बीते कुछ समय से लगातार सुर्खियो में हैं. लामता और वारासिवनी क्षेत्र के बाद लालबर्रा वन परिक्षेत्र के सोनेवानी जंगल के कक्ष क्रमांक 430, चिखलाबड्डी मार्ग पर अव्यवस्क (लगभग 3 साल) नर बाघ की मौत हो गई. हालांकि वन्यप्राणी चिकित्सक और वन्यजीव प्रेमी, इसे बाघों के बीच संघर्ष से मौत होने की बात कर रहे हैं. मामले में वनविभाग ने मृतक अव्यवस्क नरबाघ का पीएम करवाकर उसका बिसरा बरामद कर लिया है, जिसकी रिपोर्ट के बाद ही शावक बाघ की मौत का पता चल पायेगा. हालांकि यह घटना दुःखद है, लेकिन इसका सुखद पहलू यह भी है कि जंगलो में बाघों की संख्या बढ़ रही है, जिससे बाघों के बीच इलाके और भोजन को लेकर संघर्ष लाजिमी है.

एमपी में बाघों के बीच इलाके और भोजन को लेकर संघर्ष

मौके से नर बाघ का शव बरामद: 3 अप्रैल को वनविभाग को सूचना मिली कि लालबर्रा वन परिक्षेत्र के सोनेवानी क्षेत्र के चिखलाबड्डी मार्ग पर बाघ का शव पड़ा है. जिसके बाद वन विभाग का अमला घटनास्थल पर पहुंचा और अव्यवस्क नर बाघ का शव बरामद किया. जिसके बाद नियमानुसार वनविभाग ने वन्यजीव चिकित्सक, पशु चिकित्सकों की टीम बुलाकर उसका पोस्टमार्टम कराया. इसके साथ ही किसी अनजान आशंका के चलते वनविभाग की टीम ने डॉग स्कॉड की मदद से घटनास्थल की भी जांच की.

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सेंचुरी घोषित किये जाने को लेकर संघर्ष: लालबर्रा क्षेत्र के सोनेवानी क्षेत्र को अनुभव क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां फीस के माध्यम से पर्यटकों को वनविहार कराया जाता है. बताया जाता है कि यहां बड़ी संख्या में वन्यजीव है, वहीं सोनेवानी अभ्यारण्य संघर्ष समिति इस क्षेत्र को वन्यजीव बाघों के साथ ही अन्य वन्यजीवों की उपलब्धता के कारण इसे सेंचुरी घोषित किये जाने को लेकर संघर्षरत है. ताकि और अच्छे तरीके से इस क्षेत्र को संरक्षित किया जा सके. चूंकि इस क्षेत्र में बाघ की बहुलता ज्यादा होने से पर्यटक भी यहां खींचे चले आते हैं. जिससे वनविभाग को अच्छी आय हो रही है.

आपसी संघर्ष में मौत की आशंका: जानकार बताते है कि इस क्षेत्र को अच्छे से संरक्षित करने के लिए यहां रहने वाले लोगों को विस्थापित किया जाना चाहिये, ताकि वन्यजीवों को एक बड़ा क्षेत्र विचरण के लिए मिल सके. लेकिन विभाग इस ओर उतनी गंभीरता नहीं दिखा रहा है, जितना गंभीर उसे वन्यजीवों की जंगल में बढ़ती संख्या को लेकर होना चाहिये. 3 अप्रैल मृत मिले अव्यवस्क बाघ का शव वनविभाग ने बरामद किया है, उसकी मौत आपसी संघर्ष से होने की बात कही जा रही है. चूंकि वन्यजीव चिकित्सक के अनुसार अव्यवस्क बाघ की सिर की हड्टी टूटी है, जो लगता है कि किसी वयस्क बाघ ने उसे संघर्ष में तोड़ दिया है. यह भी बात सामने आ रही है कि वनो में आग के कारण वन्यजीव एक जगह पर आकर सिमट गये हैं, जिसकी वजह से भी ऐसी घटना की संभावना जताई जा रही है.

Last Updated : Apr 4, 2022, 8:02 AM IST

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