बालाघाट।जिले में इन दिनों समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य जोरों पर हैं, जितनी तेजी से धान खरीदी का कार्य सम्पन्न किया जा रहा है, उतनी ही तत्परता के साथ किसानों को खरीदी के नाम पर लूटने का कार्य भी बदस्तूर जारी है। लेकिन अपने आप को किसानों का हितैषी बताने वाले तथा कथित शुभचिंतक और हमदर्द न तो किसानों के साथ की जाने वाली लूट का विरोध करते नजर आ रहें है, और न ही किसानों को अन्नदाता कहने वाले भी उनके साथ की जा रही लूट से ज्यादा इत्तेफाक रख रहें हैं. ताज्जुब इस बात का भी है कि किसानों का धान समर्थन मूल्य पर खरीदने तथा किसानों को उसकी उपज का उचित भुगतान समय पर करवाने वाले जिम्मेदार बेधड़क खुलेआम खरीदी केन्द्रों पर मनमर्जी से भ्रष्टाचार का खेल खेलने में वयस्त है.
40 किलो की जगह तौल रहे 41 किलो 300 ग्राम धान
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के नाम पर किसानों से निर्धारित मात्रा से कहीं अधिक धान तौलने का मामला अधिकांश धान खरीदी केंद्रों पर देखने में आ रहा है. प्रत्येक बोरे में 40 किलो धान की भर्ती के साथ बोरे का वजन जो कि अधिकतम 560 ग्राम है, लेना है. लेकिन कई जगहों पर 40 किलो 800 ग्राम से लेकर 41 किलो 300 ग्राम तक धान तौली जा रही है, किसानों से इस प्रकार प्रति कि्ंवटल 400 ग्राम से लेकर 800 ग्राम तक खुली लूट की जा रही है. एक तरफ सरकार खेती को लाभ का धंधा बनाने तथा किसानों की आर्थिक स्थिति को और अधिक सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य को लेकर किसान हित में अनेकों योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा हैं. वहीं दुसरी ओर किसनों को ठगने का तरिके भी बढ़ रहे हैं.
तहसीलदार ने किया खरीदी केंद्र का निरीक्षण
डोंगरिया स्थित धान खरीदी केंद्र भोरवाही में परसवाड़ा तहसीलदार नितिन चौधरी जायजा लेने पंहुचे. केंद्र पर भारी मात्रा में धान के डम्प तो नजर आए, लेकिन ये डम्प आखिर हैं किसके ये पता नहीं चल पाया. वहीं तहसीलदार ने खरीदी प्रभारी दिलीप राहांगडाले से पूछा, तो वे भी इस बारे में संतुष्ट जवाब नहीं दे पाए. जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां पर अधिकांश धान दूसरे किसानों के नाम पर बिचौलिएं बेच रहे हैं. खरीदी प्रभारी के जवाबों से असंतुष्ट नजर आए तहसीलदार ने वहां उपस्थित किसान से जानकारी ली तो पता चला कि कोई अपने रिश्तेदार के नाम का पंजियन लेकर आया है, तो कोई अपने पड़ोसी किसान के नाम पर धान बेच रहा है. हद तो यहां तक हो गई कि एक किसान ने बघोली खरीदी केंद्र का पंजीयन भोरवाही खरीदी केंद्र पर दिखाया. उस पर भी पंजीयन किसी ओर के नाम का था.