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Shardiya Navratri 2023: आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में नवरात्रि का भव्य आयोजन, 251 प्रतिमाएं बनी आकर्षण का केंद्र

Navratri Celebration in Balaghat: बालघाट जिले के आदिवासी बाहुल्य बैहर क्षेत्र में नवरात्रि पर्व की धूम है, यहां जगतजननी मां भवानी के अलग-अलग स्वरूपों की स्थापना की गई है. फिलहाल मातारानी के 251 स्वरूप शहर में आकर्षण का केन्द्र बने है. आइए आप भी देखिए वीडियो-

Navratri Celebration in Balaghat
बालाघाट में 251 प्रतिमाएं बनी आकर्षण का केंद्र

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 23, 2023, 2:24 PM IST

आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में 251 प्रतिमाएं बनी आकर्षण का केंद्र

बालघाट।आदिशक्ति मां जगतजननी की उपासना, तप और भक्ति के महापर्व नवरात्रि का आयोजन इस समय पूरे देश मे धूमधाम के साथ जारी है, जगह-जगह पर भावभक्ति के साथ विभिन्न रूपों में मां की आराधना की जा रही है, इसके अलावा अलग-अलग जगहों पर भव्य आयोजन देखने को मिल रहे हैं. इसी क्रम में बालाघाट जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बैहर में भी नवरात्रि के पर्व की धूम देखने मिली, जहां आयोजक समिति द्वारा भव्य आयोजन करते हुए 251 प्रतिमाओं के रूप में मातारानी के स्वरूपों को प्रदर्शित किया गया है, जो इन दिनों पूरे जिले भर के लिए खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

251 प्रतिमाओं के रूप में मां जगतजननी के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन के लिये भक्तों का तांता लगा हुआ है, जहां हजारों की संख्या में दूर-दूर से श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंच रही है, जितनी संख्या दिन में होती है, उससे कहीं ज्यादा संख्या में भक्त रात्रि में दर्शन करने पहुंच रहे हैं, आकर्षक साज सज्जा के साथ सम्पूर्ण नगर रंगबिरंगी रोशनियों से सराबोर नजर आ रहा है, जो कार्यक्रम की भव्यता में चार चांद लगा रहा है. इसके साथ ही दूर दूर से भारी संख्या में पहुंच रहे भक्तों के लिये यहां भंडारे की व्यवस्था के साथ ही अन्य व्यवस्थाओं का भी ध्यान रखा गया है.

251 प्रतिमाएं बनी आकर्षण का केंद्र:बैहर जैसी छोटी सी जगह में 251 प्रतिमाओं की स्थापना वाकई पूरे जिले भर के लिये आकर्षण का केंद्र बनी हुई है, इस भव्य आयोजन के लिए एक साल पहले से तैयारियां की गई, ईटीवी भारत से चर्चा के दौरान यहां के पुजारी पंडित निरंजन शर्मा ने बताया कि "माता रानी के विभिन्न स्वरूप होतें हैं, जिनमे से 251 स्वरूपों को यहां उनके नामों के साथ प्रदर्शित किया गया है, जिसके पीछे मंशा यही है कि हमारी युवा पीढ़ी हमारे सनातन धर्म को जाने, हमारे देवी देवताओं के विभिन्न नामों तथा उनके स्वरूपों को पहचाने, इसी परिकल्पना के साथ यहां मां जगतजननी के विभिन्न स्वरूपों को प्रदर्शित किया गया है."

जनसहयोग से किया जाता है भव्य आयोजन:पंडित निरंजन शर्मा का कहा कि इस तरह के भव्य आयोजन यहां की जनता, व्यपारी बन्धु सहित समस्त सहयोगियों के आर्थिक, शारीरिक योगदान से सम्भव होता है, इसके अलावा उन्होंने बताया कि बीते साल में यहां 108 प्रतिमाएं थी, फिलहाल इस बार सभी के सहयोग से इस बार 251 स्वरूपों की स्थापना की गई है. वहीं उन्होंने कहा कि आगे भी मातारानी की प्रेरणा और आशीर्वाद से इसी तरह भव्य आयोजन होते रहेंगे.

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कुछ अलग करने की होती है मंशा:आदिवासी बाहुल्य इस छोटे से बैहर क्षेत्र में इस तरह के भव्य आयोजन के सवाल पर पंडित निरंजन शर्मा कहते हैं कि बैहर की जनता और यहां की आयोजक समिति की हमेशा से ही कुछ अलग करने की मंशा होती है, और इसी का परिणाम है कि इस छोटी सी जगह पर भव्य आयोजन सम्भव हो पाते हैं. वहीं 251 प्रतामाओं की स्थापना को लेकर उन्होंने बताया कि साल भर पहले से ही इस भव्य कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई थी.

बैहर नवरात्रि पर्व के आयोजन के लिये जिले ही नही अपितु मध्यप्रदेश में अपनी अलग पहचान रखता है, जहां साल दर साल आयोजन को अलग अलग तरह से भव्यता प्रदान की जाती है, जिसमे यहां की जनता और आयोजक समिति का बेहतर योगदान होता है. बहरहाल यहां नवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है, जहां प्रतिदिन माता के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.

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