बालाघाट। देशभर में सुर्खिया बंटोरने वाले अमानक चावल घोटाले में शासन की कड़ी कार्रवाई के विरोध में अब राइस मिलर्स एकजुट हो गए हैं. राइस मिलर्स एसोसिएशन ने हड़ताल पर जाते हुए 9 सितंबर से कस्टम मिलिंग, धान का उठाव, और चावल जमा कराने का कार्य पूरी तरह बंद कराने को लेकर कलेक्टर दीपक आर्य को ज्ञापन सौंपा है.
वहीं दूसरी ओर इस हड़ताल को लेकर कलेक्टर का कहना है कि राइस मिलर्स मिलिंग नहीं करेंगे को तो अन्य राज्यों के मिलर्स से मिलिंग कराई जाएगी, बालाघाट राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मोनू भगत ने बताया कि सरकार नियम के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में पूरे प्रदेश के मिलर्स हड़ताल पर हैं.
अमानक चावल घोटाले में कार्रवाई के बाद राइस मिलर्स अब प्रदेशव्यापी हड़ताल पर जा रहे हैं. इसके पहले घोटाले की जांच EOW जबलपुर की टीम कर रही थी, इस कार्रवाई को राइस मिलर्स सरकार के साथ किये गये अनुबंध के विरूद्ध बता रहे हैं और अब अन्य जिलों के राइस मिलर्स मंडला, कटनी, दमोह के मिलर्स ने भी हड़ताल का समर्थन किया है. लेकिन इसके बावजूद भी मिलर्स की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है.
वहीं बालाघाट कलेक्टर दीपक आर्य ने राइस मिलर्स की इस हड़ताल को लेकर दो टूक कहा है कि, यह मिलर्स मिलिंग नहीं करेंगे तों अन्य राज्यों के मिलर्स से अनुबंध करने के विकल्प खुले हैं. राइस मिलर्स ने आरोप लगाते हुए कहा कि इसके जिम्मेदार कलेक्टर, विपणन और नान के अधिकारी हैं इनके द्वारा बालाघाट से जो धान खरीदी गई है उसे सिवनी में रखा गया है जिसे देखने से साफ हो जाएगा की खराब चावल के जिम्मेदार कौन हैं.
वही मिलर्स यूनियन के अध्यक्ष मोनू भगत का कहना है कि शासन ने जो गेहूं खरीदा है उसे भी जांच के दायरे में लाया जाए. जो अमानक स्तर का है उसकी जांच भारतीय खाद निगम की एजेंसी दिल्ली द्वारा ही की जाए, साथ ही कहा कि प्रशासन ने मिल को सील कर लाइट काट दी है जो अनुचित है और अनुबंध के शर्तो में नही है.