बालाघाट।बालाघाट जिले के आदिवासी बाहुल्य बैहर तहसील में इन दिनों बांस के विभिन्न प्रकार के सामान बनाये जा रहें है, जो जिले ही नहीं अपितु देश भर में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं. इसी तरह रक्षाबंधन के अवसर पर बालाघाट के बैहर में इकोफ्रेंडली राखी का निर्माण किया जा रहा है, जिसे बांस से बनाया जा रहा है. बांस की राखियां बैहर के ही बांस हस्तशिल्प कलाकार राजू बंजारा द्वारा बनाई जा रही हैं. इस दौरान ईटीवी भारत ने राजू बंजारा से खास बातचीत की.
बांस से बनीं इको फ्रेंडली राखियां :बांस कारीगर राजू बंजारा ने बताया कि "बांस से बनाई गई राखियां पूरी तरह इको फ्रेंडली हैं, इनसे पर्यावरण को किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं है. इसके साथ ही बांस जो कि बालाघाट की खास पहचान है, जो देश विदेशों तक जाना जाता है, इससे लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं. फिलहाल राजू बंजारा बताते हैं कि "उन्होंने 15 महिलाओं को साथ लेकर बांस की राखियां बनाई हैं, जिन्हें बाजार में काफी सराहा भी जा रहा है. हालांकि प्रचार प्रसार के अभाव में उन्हें इस रोजगार से कोई विशेष मुनाफा नहीं मिल पाता. फिर भी कुछ महिलाओं को रोजगार देने तथा बांस की राखियां पूरी तरह से इकोफ्रेंडली होने के कारण राजू बंजारा इस काम से पीछे नहीं हट रहे. उनका मानना है, एकदिन जरूर आएगा जब उनकी ये बांस से बनी इकोफ्रेंडली राखियां बाजार में धमाल मचाएंगी."