बालाघाट। कोरोना संक्रमण के चलते देश में लॉकडाउन जारी है, वहीं बाहर काम कर रहे मजदूर काम न होने के चलते अपने घरों की ओर पैदल निकल पड़े हैं. जिसके चलते ग्रामीण अंचलों में भी अब संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है और लोगों में दहशत है. महाराष्ट्र के चंद्रपुर के जंगलों में काम करने गए जिले के 23 मजदूर लॉकडाउन के चलते पैदल ही अपने ग्रह ग्राम की ओर निकल पड़े. यह सभी विगत दिनों बालाघाट जिले की सरहद के चेक पोस्ट रजेगांव पंहुचे. जहां इन सभी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन कर शासकीय भवन में ठहरने की व्यवस्था की गई है.
23 प्रवासी मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग कर किया गया क्वॉरेंटाइन
महाराष्ट्र के चंद्रपुर के जंगलों में काम करने गए जिले के 23 मजदूर लॉकडाउन होने के चलते पैदल ही अपने ग्राम की ओर निकल पड़े. जिसके बाद बालाघाट जिले की सरहद के चेक पोस्ट रजेगांव पहुंचे सभी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है.
जिले में अबतक कोरोना का एक भी पॉजिटिव मरीज नहीं पाया गया है जो कि जिले के लिए सुखद खबर है साथ ही बालाघाट को ग्रीन जोन में रखा गया है. इन सभी मजदूरों के रुकने के लिए शासकीय भवन में व्यवस्था की गई. साथ ही सभी के भोजन की भी व्यवस्था कर मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद पंचायत ने वाहन की व्यवस्था करते हुए उनके ग्रह ग्राम पंहुचाया. जिनमें अहमदपुर, उड़दना, कनई, टिकरिया, सलघट एवं खुरमुण्डी के मजदूर थे, जिन्हें बारी बारी से उनके ग्राम पंहुचाया गया.
इस दौरान परसवाड़ा ग्राम पंचायत के सचिव ने बताया कि उन्हें बुधवार की रात को खबर मिली थी की चंद्रपुर से पैदल रजेगांव पंहुचे 23 मजदूरों को बस से परसवाड़ा लाया गया. सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए सभी मजदूरों के खाने की व्यवस्था की गई, साथ ही सुबह भोजन के बाद उनकी जांच करवाकर उनके ग्रामों में क्वॉरंटाइन सेंटर तक पंहुचाने के लिए वाहनों की व्यवस्था भी की.