बालाघाट। जहां एक ओर पूरा देश इस समय कोरोना से जंग लड़ रहा है और निरन्तर कोरोना संक्रमण के मरीज देश मे तेजी से बढ़ रहे हैं उसे रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही उपाय है. लेकिन बालाघाट मे यह देखा जा रहा है कि लोगों से मास्क लगाकर रखने और सोशल डिस्टेंस बनाकर रहने की बार-बार अपील करने के बाद भी इसका पालन नही हो रहा है गौर करने वाली बात है कि जिम्मेदार अधिकारी ही क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहकर नियमों की धज्जियां उड़वा रहे है.
बालाघाट जिले में दूसरे प्रदेशों व जिलों से लगातार मजदूरों की आवाजाही जारी है अभी तक लगभग 50 हजार से ज्यादा मजदूर दूसरे प्रदेशों से अपने गृह नगर लौट चुके हैं. उसके बाद रोजाना ही सैकडों मजदूर पैदल ही बलाघाट पहुंच रहे हैं.
गौरतलब है कि रजेगांव चौकी जो मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमावर्ती चौकी है जहां से लाखों लोग अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए गोंदिया रेल्वे स्टेशन से अन्य राज्यों में आते जाते रहे हैं लेकिन 25 मार्च से हुए लॉकडाउन के दौरान सभी मजदूर अलग अलग राज्यों में अपने परिवार के साथ फंसे हुए हैं.
क्वॉरेंटाइन सेंटरों की हकीकत
ऐसे में वे मजदूर अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ पैदल ही 600 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए रजेगांव चौकी पहुंचे, जिन्हें मध्यप्रदेश सरकार के प्रशानिक अधिकारियों द्वारा बनाये गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा है. जब हमारी टीम ऐसे क्वॉरेंटाइन सेंटरों की हकीकत जानने पहुंची तो होश उड़ गए.