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जनता सख्त, कोरोना पस्त: बालाघाट में अपने पांव नहीं पसार सका कोराना वायरस

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Published : Apr 20, 2020, 11:13 AM IST

प्रदेश में कोरोना से हुई मौतों के बीच बालाघाट से खबर राहत की है, यहां एक भी कोरोना मरीज नहीं मिला है. प्रशासन का कहना है कि, यहां पुलिस और स्वास्थ्यकर्मियों के सहयोग के साथ ही लॉकडाउन का पालन करने में स्थानीय लोगों भी अपना काफी योगदान दे रहे हैं.

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बालाघाट में पुलिस पेट्रोलिंग

बालाघाट। बालाघाट में टोटल लॉकडाउन का पालन प्रशासन द्वारा सख्ती से करवाया जा है. दूसरे प्रदेशों से आने वाले यात्रियों को स्क्रीनिंग कर क्वॉरेंटाइन किया गया है. बालाघाट में अभी तक 26 संदिग्ध मरीजों के कोरोना टेस्ट कराए गए हैं, लेकिन किसी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है. इस तरह बालाघाट जिला कोरोना वायरस की चपेट में आने से बचा हुआ है.

आपको बता दूं कि, स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल में 100 बिस्तरों का आइसोलेशन वार्ड बनाया है, इसके साथ ही सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए इस आइसोलेशन वार्ड में पूरी व्यवस्था की गई है. वहीं जिले में अलग-अलग स्थानों पर क्वॉरेंटाइन सेंटरों में 430 लोगों को आइसोलेट करने की व्यवस्था की गई है. जिले के बॉर्डर एरिया पर आठ क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए हैं, जिसमें जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों व दूसरे प्रदेशों से आने वाले 514 लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया है.

दूसरे प्रदेश से आने वाले 248 ऐसे यात्री हैं, जो कि सर्दी-खांसी से पीड़ित हैं, उन पर लगातार आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा निगरानी की जा रही है. बालाघाट में रोजाना ही आशा कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के द्वारा महाराष्ट्र के नागपुर और तेलंगाना के हैदराबाद से आए लोगों पर नजर रखी जा रही है.

बालाघाट में पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार मुस्तैदी के साथ ड्यूटी कर सख़्ती से लॉकडाउन का पालन करवाया जा रहा है. यहां 1800 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है और पुलिस प्रशासन द्वारा इनके स्वास्थ्य की भी लगातार चिंता की जा रही है. इनको कोरोना संक्रमण से बचने के लिए रोजाना दोनों टाइम गर्म पानी भी दिया जा रहा है, साथ ही पुलिस लाइन में इनको घर जाने के पहले से सेनेटाइज करने की भी व्यवस्था की गई है. जो पुलिस के जवान ड्यूटी के बाद अपने परिवार के पास ना जाना चाहें, उनके लिए पुलिस लाइन में ही परिवार से अलग रहने की व्यवस्था की गई है.

गौरतलब है कि, बालाघाट महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ सीमा से लगा हुआ जिला है, जिसमें तीन अलग-अलग बॉर्डर एरिया हैं, यहां से लगातार अन्य प्रदेशों से बालाघाट जिले में लोगों की आवाजाही जारी है, इसके लिए महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ सीमा पर अजय गांव, बोन कट्टा, मंडला, कवर्धा जैसे 8 चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं.

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