MP Seat Scan Paraswada: एक ऐसी विधानसभा सीट, जहां हर चुनाव में जनता कर देती है बदलाव, बीजेपी-कांग्रेस की गोंगपा ने बढ़ाई टेंशन - Number of voters in Paraswada
MP Seat Scan Paraswada: एमपी में विधानसभा के चुनाव का समय नजदीक आ गया है, ऐसे में राजनीतिक दल पूरी तैयारी में नजर आ रहे हैं. टिकट दावेदारों की उठा पटक के बीच ETV Bharat आपके लिए मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा क्षेत्र के सियासी समीकरण लेकर आया है. आज बात करेंगे बालाघाट जिले की परसवाड़ा सीट की, एक नजर ETV भारत के सीट स्कैन पर.
बालाघाट। मध्यप्रदेश के बालाघाट की परसवाड़ा विधानसभा सीट एक ऐसी सीट है जिस पर हर पार्टी की नजर रहती है, क्योंकि यहां की जनता हर बार विधायक बदल देती है. यहां ऐसा नहीं है कि बीजेपी कांग्रेस का ही दबदबा हो. यहां पर दूसरी पार्टियों के भी विधायक बनते रहे हैं. इसलिए भी बालाघाट जिले का परसवाड़ा विधानसभा सीट का मुकाबला दिलचस्प हो जाता है.
2018 का रिजल्ट
परसवाड़ा में अभी बीजेपी विधायक:बालाघाट जिले के परसवाड़ा विधानसभा सीट पर अभी बीजेपी का कब्जा है. परसवाड़ा विधानसभा सीट पर वर्तमान में बीजेपी के रामकिशोर कांवरे विधायक हैं और बीजेपी से आयुष विभाग के मंत्री भी हैं. भारतीय जनता पार्टी के विधायक रामकिशोर कांवरे ने त्रिकोणीय मुकाबले में जीत हासिल की थी और विधायक बने थे.
बीजेपी-कांग्रेस ने घोषित किये प्रत्याशी:परसवाड़ा विधानसभा सीट एक हाई प्रोफाइल विधानसभा सीट है और इस बार बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने इस पर अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने जहां अपने वर्तमान विधायक रामकिशोर कांवरे को ही फिर से प्रत्याशी बनाया है. तो वहीं कांग्रेस ने भी अपने 2018 के ही प्रत्याशी मधु भगत को ही इस बार भी टिकट दिया है. जैसा कि परसवाड़ा विधानसभा सीट पर हर बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलता है. पिछली बार भी देखने को मिला था और इसलिए इस सीट पर सब की नजर रहती है. इस बार बीजेपी-कांग्रेस की टेंशन गोंगपा ने भी बढ़ा दी है.
पिछले तीन चुनावों का रिजल्ट
क्या कहता है इतिहास?
साल 2018 में परसवाड़ा विधानसभा सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प हुआ था. त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला था. 2018 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के रामकिशोर कांवरे ने भले ही जीत हासिल की थी, लेकिन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी कंकर मुंजारे महज 9,608 वोट के अंतर से ही हारे थे, तो वहीं कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी मधु भगत तीसरे नंबर पर थी.
2013 के विधानसभा चुनाव में परसवाड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस की मधु भगत ने जीत हासिल की थी. मधु भगत ने भारतीय जनता पार्टी के रामकिशोर कांवरे को हराया था, और मधु भगत की यह जीत महज 2,849 वोट के अंतर से हुई थी.
2008 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के रामकिशोर कांवरे ने जीत हासिल की थी. दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी से कंकर मुंजारे थे, जिन्हें रामकिशोर कांवरे ने 8,066 वोट के अंतर से हराया था.
जातीय समीकरण:परसवाड़ा विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो ये इलाका आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. प्राकृतिक सौंदर्यता यहां पर अपना अद्भुत छटा बिखेरती है. हिंदू बहुल इलाका है, इस इलाके में लगभग सवा दो लाख वोटर्स हैं. यहां पर आदिवासी वोटर्स भी हैं, इसके अलावा पवार, मतदाता, लोधी, कलार वोटर्स की भी बहुलता है. मंत्री रामकिशोर कावरे मरार समाज से आते हैं जो वर्तमान में यहां से विधायक भी हैं. जबकि कांग्रेस की प्रत्याशी मधु भगत पवार समाज से आती हैं, और क्रांतिकारी नेता कंकर मुंजारे लोधी समाज से ताल्लुक रखते हैं. देखा जाए तो परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र सामाजिक आर्थिक तौर पर काफी समृद्ध है, यहां पर खेती किसानी भी होती है जिसमें धान, गेहूं, चना, तिलहनी, दलहनी जैसे फसलों की खेती की जाती है.
परसवाड़ा में मतदाताओं की संख्या
तीसरी पार्टी का भी बोलबाला: जैसा कि यहां का इतिहास बताता है कि परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के वोटर्स अक्सर नए चेहरों पर दांव खेलते हैं. हर बार यहां से विधायक बदल जाता है, ऐसे में इस बार बीजेपी के लिए भी एक बड़ी चुनौती है. तो वहीं त्रिकोणीय मुकाबला होने की वजह से कांग्रेस के लिए भी चुनौतियां कम नहीं हैं. क्योंकि यहां का जो पुराना चुनावी इतिहास कहता है उसमें यह जरूरी नहीं की प्रत्याशी बीजेपी-कांग्रेस से ही हो तभी जीत हार होगी. अगर मजबूत प्रत्याशी दूसरी पार्टियों से या फिर निर्दलीय भी खड़ा होता है तो यहां की जनता उसे पसंद करती है.