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MP Panchayat Election: आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में चुनाव का बहिष्कार, ग्रामीण बोले- "रोड नहीं तो वोट नहीं" - रोड नहीं तो वोट नहीं

कहते हैं की मतदाता 1 दिन का बादशाह होता है, शायद यही वजह है कि अब चुनाव के वक्त लोग अपनी मांगों को लेकर चुनाव का बहिष्कार करने लगे हैं. ऐसा ही ताजा मामला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र परसवाड़ा अंतर्गत ग्राम कुरेण्डा से सामने आया है. (MP Panchayat Election)

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आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में चुनाव का बहिष्कार

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Published : Jun 6, 2022, 10:44 PM IST

बालाघाट। बीते 8-9 महीने से सड़क निर्माण के पूर्ण ना किये जाने और नाली निर्माण में धांधली और अनियमितता किए जाने का आरोप लगाते हुए आक्रोशित आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र परसवाड़ा अंतर्गत ग्राम कुरेण्डा के ग्रामीणजनों ने "रोड नहीं तो वोट नहीं" का पोस्टर लगाकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करते हुए शासन और प्रशासन तथा भ्रष्टाचार मे लिप्त ग्राम पंचायत कर्मचारियों के विरुद्ध अपना आक्रोश प्रकट करते हुए त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया है.(MP Panchayat Election)

आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में चुनाव का बहिष्कार

पहले रोड, फिर वोट:ग्रामीण से मिली जानकारी अनुसार बीते 8-9 माह से ग्राम कुरेण्डा के वार्ड क्रमांक मे तकरीबन 9 लाख रूपये की लागत से नाली और सङक का निर्माण किया जा रहा है, नाली निर्माण मे अनियमितता बरती गई. वहीं अब तक यहां के सड़क का निर्माण भी अब तक निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत द्वारा पुर्ण नही किया गया है. जबकि 8-9 माह पूर्व अक्टूबर-नवंबर मे नाली और सड़क निर्माण के लिए आवंटित राशी का आहरण कर लिया गया है, जिससे आक्रोशित ग्रामीणो ने पहले रोड, फिर वोट देने की बात कहकर अपना विरोध ग्राम पंचायत कर्मचारियों के विरुद्ध प्रकट किया है.

आवंटित राशी का हो चुका आहरण:ग्रामीण महेश खरे का कहना है कि जब सड़क और नाली निर्माण के लिये शासन की योजना अंतर्गत 15वें वित्त से आवंटित राशी का आहरण अक्टूबर-नवम्बर माह में हो चुका है तो ग्राम पंचायत के कर्मचारियों द्वारा बीते 9 माह से सड़क निर्माण क्यों नहीं किया गया है. वहीं नाली निर्माण में भी अनिमितता बरती गई है, जिससे वार्ड के घरों के लोगों को जाने-आने में परेशानी हो रही है जिसे अब तक नहीं सुधारा जा सका है.

जर्जर अधूरे सड़क पर हो रही घटनाएं: ग्रामीण मनोज मिश्रा ने बताया कि बीते दिवस रात्री घर वापस लौटते हुए जर्जर सड़क के चलते राह मे दुर्घटना ग्रस्त हो गए, जर्जर सड़क अब चलने लायक नही बची है, बीते 15 वर्ष पूर्व सड़क निर्माण ठीक तरह से नहीं हुआ, जिसकी वजह से इस राह पर हमेशा ग्रामीणों को परेशानी होती रही है जो लगातार बढ़ रही है.

नहीं लगाए गए साईन बोर्ड:ग्रामीणो का कहना है कि ग्राम पंचायत द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ करने के पूर्ण नियमानुसार साइनबोर्ड लगाये जाने चाहिए परन्तु अब तक किसी भी निर्माण में ग्राम पंचायत द्वारा कोई साईन बोर्ड नहीं लगाए गए हैं, जिससे लागत व निर्माण के संदर्भ मे कोई जानकारी किसी को नहीं हो पा रही है.

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सड़क नही तो वोट नही:ग्राम की हेमलता बाई कहना है कि अधूरे पड़े सड़क व नाली का निर्माण गुणवत्ता पूर्वक नहीं कराया जा रहा है, इसलिए प्रशासन व ग्राम पंचायत की कार्यप्रणाली से खासी नाराजगी है. जब तक सड़क का निर्माण नहीं होगा तो उनके द्वारा वोट भी नहीं दिया जायेगा. बारिश होने के लिये कुछ ही दिन शेष हैं, ऐसे में सड़क निर्माण अब तक पूर्ण नहीं किया गया है. ग्राम की बुजुर्ग सकुन नन्दा ने बताया कि उनके द्वारा अधूरे सड़क निर्माण में कुछ दिवस कार्य किया गया था, जिसका भुगतान अब तक नही हो पाया है.

हटाया जाये रोजगार सहायक:ग्रामीण महेश खरे का कहना है कि ग्राम पंचायत कुरेण्डा मे कार्यरत रोजगार सहायक के द्वारा निर्माण कार्यो को रोक कर रखा गया है, वहीं सड़क निर्माण के लिये आवंटित राशी को आहरित कर अब तक सड़क निर्माण नहीं कराया जा रहा है. साथ ही ग्राम पंचायत के अन्य कार्य भी अधूरे पड़े हैं. ग्रामीणों ने रोजगार सहायक को हटाने की मांग की है.

निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था, लेकिन मजदूर ना मिलने की वजह से व डीएससी बंद होने की वजह से भुगतान नही हो पा रहा है, निर्माण कराया जायेगा. मेरी ज्वाईनिंग के बाद दो लाख रूपये का आहरण किया गया है, इसके पूर्व की जानकारी पूर्व सचिव द्वारा दी जायेगी.
-रामेश्वर ब्रम्हे, सचिव

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