बालाघाट। मध्य प्रदेश सूचना आयोग ने बालाघाट पुलिस को एक आवेदक द्वारा सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत मांगी गई एफआईआर की प्रतियां उपलब्ध कराने को कहा है. आदेश में सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने राज्य के बालाघाट के लालबर्रा पुलिस थाने के जन सूचना अधिकारी को आवेदक द्वारा मांगी गई कुल छह में से पांच प्राथमिकियों की प्रति उपलब्ध कराने को कहा है. mp information commissioner told balaghat police, copy of fir given to applicant, balaghat news
पीआईओ ने मांगा स्पष्टीकरण:बालाघाट जिले की रहने वाली आवेदक लीला बघेल ने पिछले साल दिसंबर में पुलिस द्वारा दर्ज छह प्राथमिकियों की प्रतियां मांगी थीं. आयोग के आदेश के मुताबिक, पीआईओ और प्रथम अपीलीय प्राधिकारी दोनों ने यह कहते हुए प्रतियां उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया था कि इन्हें सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा के तहत छूट दी गई है. यह धारा ऐसी जानकारी जो जांच या अपराधियों की गिरफ्तारी या अभियोजन की प्रक्रिया में बाधा डालती है के प्रकटीकरण पर रोक लगाती है. उनके निर्णय से संतुष्ट नहीं होने पर आवेदक ने राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया. जिसके बाद आयोग ने मामले में विश्वसनीय दस्तावेजों की प्रामाणिकता की जांच करने के लिए पीआईओ से स्पष्टीकरण मांगा.
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पांच दिन में प्रतियां देने के निर्देश:पीआईओ ने अपने जवाब में उल्लेख किया था कि आवेदक लालबर्रा पुलिस थाने द्वारा दर्ज दहेज मामले में नामित आरोपियों की बहन है और पीड़ितों व मामले के गवाहों को प्रभावित कर जांच में और बाधा उत्पन्न किए जाने की आशंका के मद्देनजर प्रति साझा करने से इनकार किया था. पीआईओ ने पॉक्सो अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज एक अन्य मामले में प्राथमिकी की प्रति साझा करने से भी इनकार कर दिया था. मामले की सुनवाई करते हुए राहुल सिंह ने आदेश में, बालाघाट के लालबर्रा पुलिस थाने के पीआईओ, थाना प्रभारी को अपीलकर्ता को प्राथमिकी की प्रतियां (पॉक्सो अधिनियम के तहत पंजीकृत को छोड़कर) पांच दिन में प्रदान करने का निर्देश दिए. इसमें वह प्राथमिकी भी शामिल है, जिसमें आवेदक के रिश्तेदार का नाम भी आरोपी के रूप में शामिल है. आयोग ने कहा कि यह स्पष्ट है कि पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज प्राथमिकी की प्रति आरटीआई अधिनियम के तहत प्रदान नहीं की जा सकती है. आयोग ने पीआईओ के खिलाफ एक कारण बताओ नोटिस भी जारी किया, कि आवेदक द्वारा मांगी गई जानकारी से इनकार करने पर 25,000 रुपये का जुर्माना क्यों न लगाया जाए. आदेश के अनुसार पीआईओ को 27 अक्टूबर को आयोग के सामने पेश होने के लिए कहा गया है. (mp information commissioner told balaghat police) (copy of fir given to applicant) (balaghat news)