बालाघाट।बालाघाट जिले के जंगलों में हॉर्क फोर्स और नक्सलियों के बीच 30 नवंबर की अलसुबह हुई मुठभेड़ में मारे गए दोनों इनामी नक्सलियों के परिजनों को शव ले जाने के लिए पुलिस द्वारा सूचना दी गई है. वहीं नक्सली उन्मूलन अभियान के तहत मंडला बालाघाट और कवर्धा (छत्तीसगढ़) की टीम ने सीमावर्ती इलाकों में सर्चिंग अभियान तेज कर दिया है. बताया जा रहा है कि नक्सलियों का पीएलजी सप्ताह शुरू हो गया है, जिसको लेकर नस्ल प्रभावित क्षेत्रों में तीनों जिलों की पुलिस फ़ोर्स को सीमावर्ती इलाकों में तैनात कर एक्टिव कर दिया गया है. जो मुखबिर की सूचना के आधार पर नक्सली मूवमेंट में अपनी नजर बनाए हुए है. इसकी तमाम जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में आईजी संजय सिंह द्वारा दी गई.
कैंप लगाए बैठे थे नक्सली :पत्रकार वार्ता के दौरान पुलिस अधीक्षक समीर सौरब और मंडला पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह राजपूत सहित इस ज्वाइंट ऑपरेशन में शामिल मंडला हॉर्क फोर्स के जवान प्रमुख रूप से उपस्थित रहे. आईजी संजय सिंह ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि कान्हा नेशनल पार्क कोर जोन में सूपखार के जंगल में बड़ी संख्या में नक्सली हैं. जो पीएलजी सप्ताह को लेकर अपनी लगातार गतिविधि बढ़ा रहे हैं. इस सूचना पर बालाघाट मंडला हॉर्क फोर्स पुलिस टीम को जंगल में सर्चिंग के लिए भेजा गया. यह बालाघाट और मंडला पुलिस टीम का जॉइंट ऑपरेशन था. हॉकफोर्स के जवान सर्चिंग करते हुए सुपखार के जंगल पहुंचे. सुपखार के जंगल में जामशेरा फारेस्ट के पास बड़ी संख्या में नक्सली कैंप लगाए हुए थे. इन नक्सलियों ने हॉक फोर्स के जवानों को देखते हुए अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी.