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MP Assembly Election 2023: भाजपा का एक और विकेट गिरा, पूर्व सांसद बोध सिंह भगत ने थामा कांग्रेस का हाथ - एमपी पॉलिटिकल न्यूज

मध्यप्रदेश में भाजपा का एक और झटका लगा है. बालाघाट से भाजपा के पूर्व सांसद बोध सिंह भगत ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. बोध सिंह सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ भोपाल पहुंचे. जहां कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलाई.

MP Assembly Election 2023
भाजपा का एक और विकेट गिरा

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 20, 2023, 9:06 PM IST

बालाघाट।मध्यप्र देश में चुनाव से ठीक पहले दल बदल का सिलसिला शुरू हो गया है. एक के बाद एक भाजपा के कई नेता और कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी ज्वाइन कर रहे हैं. इसी क्रम में अबकी बार भाजपा को बालाघाट से झटका लगा है. यहां भाजपा के पूर्व सांसद बोधसिंह भगत ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. पूर्व सांसद बोध सिंह भगत बालाघाट से अपने भारी भरकम काफिले के साथ भोपाल पहुंचे. जहां पर सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने कमलनाथ की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की.

कन्फर्म माना जा रहा बोधसिंह का टिकट:इसके अलावा बालाघाट से पूर्व सांसद कंकर मुंजारे की पत्नि पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अनुभा मुंजारे ने भी हाल ही में कांग्रेस की सदस्यता ली है. जिससे बालाघाट में कांग्रेस को और अधिक मजबूत माना जा रहा है. गौरतलब हो कि बालाघाट से भाजपा के सांसद रह चुके बोध सिंह भगत इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कटंगी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी हो सकते हैं. फिलहाल कटंगी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टामलाल सहारे विधायक हैं, लेकिन उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. जिसके चलते अब कटंगी विधानसभा क्षेत्र से बोधसिंह भगत की टिकट कन्फर्म माना जा रही है.

मंच पर कमलनाथ के साथ पूर्व सांसद

गौरीशंकर बिसेन और बोधसिंह के बीच 36 का आंकड़ा: आपको बता दें पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बोधसिंह भगत का टिकट काटकर बालाघाट संसदीय क्षेत्र से ढालसिंह बिसेन को उम्मीदवार बनाया था, जिस कारण बोधसिंह भगत ने भाजपा से बगावत कर बालाघाट संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ा था. वे 47 हजार से अधिक मत पाकर चौथे नंबर पर थे. हालांकि इस दरमियान बीते दिनों में उन्हें मनाने का सिलसिला भी चला, लेकिन बालाघाट से भाजपा के कद्दावर नेता गौरीशंकर बिसेन से उनके 36 के आंकड़े के कारण वे भाजपा से दूरी बनाए रहे.

वर्चस्व की लड़ाई ने बिगाड़ा खेल:आपको बता दें प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री व बालाघाट विधायक गौरीशंकर बिसेन और पूर्व सांसद बोध सिंह भगत के बीच कई दिनों से बालाघाट में वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी. जिसका एक नजारा मलाजखंड में पार्टी के कार्यक्रम के दौरान भी देखने मिला था. जहां एक ही मंच पर दोनो नेता आपस में भिड़ गए थे. ऐसा माना जाता है कि गौरीशंकर बिसेन का कद पार्टी में बड़ा होने कारण बोधसिंह भगत की लगातार अनदेखी की जाने लगी थी. या ये कहें कि बोधसिंह भगत को भाजपा की मुख्य धारा से हाशिए पर धकेल दिया गया था. चर्चा यह भी रही कि गौरीशंकर बिसेन ने ही पिछले लोकसभा चुनाव में उनका टिकट कटवा दिया था. जिसके चलते उन्होंने बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था.

बोध सिंह ने थामा कांग्रेस का हाथ

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बालाघाट में कांग्रेस हुई और मजबूत: विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अनुभा मुंजारे और बोधसिंह भगत के कांग्रेस का दामन थामने से पार्टी को और अधिक मजबूती मिली है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि अबकी बार यहां भाजपा को भारी झटका लग सकता है. चूंकि एक तरफ अनुभा मुंजारे की बालाघाट विधानसभा क्षेत्र में मजबूत पकड़ मानी जाती है, तो वहीं बोधसिंह भगत भी कटंगी विधानसभा क्षेत्र में काफी मजबूत माने जाते हैं. फिलहाल दोनों के कांग्रेस में आने के बाद विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनावों में कांग्रेस को जबरदस्त फायदा होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

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