बालाघाट। जिले में स्व-सहायता समूह की महिलाएं रंगों के त्योहार होली की खुशियों को दोगुनी करने अभी से तैयारियों में जुट गई हैं, महिलाओं की ओर से हर्बल गुलाल बनाने का कार्य किया जा रहा है. महिलाएं पहली बार गुलाल बना रही है, जिससे एक सप्ताह में अच्छी आमदानी प्राप्त कर रही हैं. दरअसल केमिकल युक्त रंग-गुलाल से त्वचा व स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं होती हैं, हर्बल गुलाल के प्राकृतिक रंगों के माध्यम से होने वाले दुष्प्रभाव से भी छुटकारा मिलेगा और हर्बल गुलाल से बढ़िया होली रंगेगी. ये काम बालाघाट जिले के वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र के सावरी गांव में चिराग महिला आजीविका ग्राम संगठन की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है.
चिराग महिला आजीविका ग्राम संगठन बना रहा हर्बल गुलालःगौरतलब हो कि खैरलांजी तहसील अंतर्गत सावरी गांव में चिराग महिला आजीविका ग्राम संगठन की ओर से हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है, जिसमें पालक के पत्ते, बरसीम घास, पलाश के फूल, गेंदा के फूल और उसमें अरारोट पाउडर का उपयोग किए हैं. अभी तक समूह की 6 महिलाओं ने 100 किलोग्राम हर्बल गुलाल तैयार किया है. इसमें 60 किलोग्राम गुलाल बेच भी दिया है. हर्बल गुलाल पीला, हरा, गुलाबी, नारंगी, भगवा सहित अन्य रंग के गुलाल शामिल हैं. महिलाओं ने अभी तक अच्छी खासी आय प्राप्त कर ली गई हैं. समूह की महिला मनीषा पगारे, भूमेश्वरी सुलाखे, तीजा उपवंशी, तारकेश्वरी उपवंशी बताती है कि "गुलाल की जैसे मांग आ रही है, उसी के आधार पर गुलाल बनाया जा रहा है. इसके अलावा वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में सभी तहसीलों में भी गुलाल भिजवाई गई हैं."