डिंडोरी।क्षेत्र में इन दिनों लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं, समस्या इतनी विकराल हो गई है कि पानी के लिए ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर कुएं में उतरना पड़ रहा है. इसका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें महिलाएं और बच्चे कुएं में उतरकर पानी लेने का प्रयास कर रहे हैं.
एमपी में पानी की जंग जान पर भारी: मध्य प्रदेश के डिंडोरी घुसिया गांव में यह बात सच साबित हुई है, प्यास बुझाने के लिए लोगों को सूखे कुओं में जाना पड़ता है. तस्वीरों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पानी की किल्लत से यहां के हालात काफी बुरे हो गए हैं. सबसे गंभीर बात यह है कि महिलाएं अपनी जिंदगी को हथेली पर रखकर गहरे सूखे कुएं के अंदर उतर रही हैं और बचे हुए पानी को जमा कर अपनी प्यास बुझा रही हैं.
महिलाओं के लिए पानी की हर बूंद बेशकीमती: न्यूज एजेंसी ‘एएनआई’ ने अपने ट्विटर हैंडल पर डिंडोरी जिले का एक वीडियो शेयर किया है, इस वीडियो में ये दिख रहा है कि दो महिलाएं हाथ में बर्तन लिए कुएं के अंदर उतरती हैं और फिर पानी लेकर ऊपर आ जाती हैं. ये महिलाएं कुएं की दीवार पकड़कर अंदर जाती हैं और फिर उसी रास्ते से बाहर निकल आती हैं.
ग्रामीण अंचलों का जल संकट जानने के लिए सुनिए ये तुगलकी फरमान, राज्य शासन ने बुलाई बैठक
वी़डियो देख चौक जाएंगे: 53 सेकेंड के इस वीडियो में दिख रहा है कि दो महिलाएं हाथ में बर्तन लिए कुएं के अंदर उतरती हैं और फिर पानी लेकर ऊपर आ जाती हैं. ये महिलाएं कुएं की दीवार पकड़कर अंदर जाती हैं और फिर उसी रास्ते से निकल आती हैं, इस काम में इतना खतरा है कि अगर कोई महिला गलती करती है तो उसकी जान भी जा सकती है.
पानी को लेकर लगातार मिल रहीं शिकायतेंःMP के 313 में से 84 ब्लॉक पानी की विकट समस्या है. राज्य में लाखों लोगों के लिए पीने का पानी पहुंच से बाहर है. भीषण गर्मी के चलते प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में लोगों को पानी को लेकर परेशान होना पड़ रहा है. इसको लेकर लगातार मुख्यालय तक शिकायतें पहुंच रही हैं. पानी की समस्या को लेकर लोगों को सीएम हेल्पलाइन तक पर गुहार लगानी पड़ रही है. पिछले एक माह में प्रदेश भर से 12 हजार से ज्यादा लोग पेयजल की समस्या को लेकर शिकायत कर चुके हैं. इनमें ग्वालियर में 2159, भोपाल में 2310, इंदौर में 2236 और जबलपुर से 1398 शिकायतें पेयजल को लेकर हुई हैं. शहरी इलाकों को छोड़ दें, तो ग्रामीण इलाकों में भी लोगों को पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है.