बालाघाट। जिले के बिरसा जनपद पंचायत के बलगांव के आदिवासी टोला के बैगा समाज के लोग बरसों से तालाब में मछली पालन कर जीवनयापन कर रहे थे. लेकिन उस तालाब से दबंगों ने अधिकार छीनकर अन्य को पट्टा दिलवा दिया हैं. जिसके चलते तालाब को वापस पाने के लिये वे अब कलेक्टर कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं.
दबंगों ने किया आदिवासियों के तालाब पर कब्जा, न्याय के लिए दो साल से भटक रहे हैं पीड़ित परिवार - बैगा समाज बालाघाट
आदिवासी टोला के बैगा समाज के लोग बरसों से तालाब में मछली पालन कर जीवनयापन कर रहे थे. लेकिन उस तालाब से दबंगों ने अधिकार छीनकर अन्य को पट्टा दिलवा दिया हैं.
दर्जन भर की संख्या में बालाघाट अपर कलेक्टर न्यायालय में पहुंचें इन पीड़ितों ने बताया कि तालाब पर उनका कब्जा होने के चलते दो साल पहले 8 हजार रूपये का बैहर से मछली बीज भी डाला गया था. जब मछली मारने गये तो दबंगों ने उनके साथ मारपीट की और पुलिस में रिपोर्ट कर उन्हें फंसा दिया.
तालाब में मछली पालन करने का उन्हें पट्टा भी मिला हुआ था और वे उसके रिनीवल के लिये आवेदन देकर पुन: लाइसेंस प्राप्त करने में सफल हो गये थे. इनका कहना है कि इसी बीच बलगांव पंचायत में सरपंच- बीडीसी व अन्य दबंगों ने तालाब देने के लिए पट्टा बैगाओं से छीनकर गोंड समाज के कुछ लोगों को दिलवा दिया हैं.
इस संबंध में अपर कलेक्टर शिवगोंविद मरकाम ने कहा कि बैगाओं का कहना हैं कि तालाब में वह पूर्व से मछली पालन का कारोबार कर भरण पोषण कर रहे थे. गांव के दबंगों ने उस तालाब को मिलीभगत करते हुए गोंड समाज को पट्टा दिलवा दिया हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि पीड़ितों के आवेदन पर मामले की जांच की जा रही है.