बालाघाट।बालक छात्रावास किरनापुर से एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां पर कच्चा चावल और दूषित पानी पीने से बच्चे लगातार बीमार हो रहे हैं. इस मामले को लेकर मीडिया की टीम जब छात्रावास पहुंची तो उन्हें छात्रावास के अधीक्षक गायब मिले. इस दौरान बच्चों की हालत बिगड़ता देख उन्हें आनन-फानन में हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया.
छात्रावास में नहीं मूलभूत सुविधाएं: छात्रावास में रहने वाले छात्रों के हाल इन दिनों काफी बेहाल हैं. मूलभूत सुविधाओं की बात तो छोड़िए यहां रहने वाले बच्चे गंदगी के कारण पेट, उल्टी और दस्त की बीमारी से ग्रसित हैं. छात्रावास की पानी की टंकी में सफेद रंग का तरल पदार्थ भी मिला है, जिससे उसमें पेस्टिसाइड मिले होने की आशंका जताई जा रही है. बच्चों ने बताया कि रोजाना नाश्ते से लेकर रात के भोजन तक का पूरा मेन्यू फिक्स रहता है, लेकिन टेबल पर नाश्ते के नाम पर कुछ भी नजर नहीं आता.
मूलभूत सुविधाओं से नदारद छात्रावास:छात्रावास अधीक्षक डीसी रामटेके से मीडिया ने जब बात की तो उन्होंने रोजाना छात्रावास में रहने से सीधे तौर पर असहमति जताई, साथ ही अधीक्षक ने अव्यवस्थाओं को भी स्वीकार करते हुए कहा कि इस बारे में उच्चाधिकारियों को कई बार सूचित कर चुके हैं. इन सब छात्रावासों का जिम्मा आदिवासी विभाग के पास है. आदिवासी विभाग द्वारा बच्चों पर प्रतिमाह 900 रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन यहां बच्चों को ना तो स्वादिष्ट भोजन दिया जा रहा है और न ही पौष्टिक खाना खिलाया जा रहा है. अन्य सुविधाएं भी नदारद हैं.