बालाघाट। नक्सल प्रभावित बालाघाट में दूसरे राज्यों के नक्सलियों ने पैर पसारना शुरू कर दिया है. 100 से अधिक महिला-पुरुष नक्सलियों के हथियारों के साथ बालाघाट की सीमा में घुसने की खबर है. यहां के जंगलों में वो ट्रेनिंग कैंप लगाने की तैयारी में हैं. जिसके बाद दूसरे जिलों में भी नक्सली पैठ बढ़ाने की कोशिश में हैं. इसके लिए उन्होंने बालाघाट को हेडक्वॉर्टर बनाया है, हालांकि पुलिस अलर्ट है और नक्सलियों के हर मूवमेंट पर उसकी नजर है.
बालाघाट जिला छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र राज्य की सीमा पर बसा हुआ है. लगभग 250 किलोमीटर का एरिया दोनों राज्यों की सीमा से सटा हुआ है. जहां से नक्सली महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्य में बड़ी वारदात को अंजाम देने के इरादे से बालाघाट में घुसपैठ कर रहे हैं. नक्सलियों की घुसपैठ को रोकना पुलिस के लिए चुनौती से कम नहीं हैं, क्योंकि टाडा मलाजखंड, दर्रेकसा एरिया कमेटी के साथ ही कान्हा भोरमदेव दलम सक्रिय हैं.
बालाघाट मेंं ट्रेनिंग कैंप लगाने की तैयारी में नक्सली नक्सली बालाघाट के रास्ते मंडला, डिंडौरी, उमरिया, अमरंकटक तक अपने पैर पसार चुके हैं. इन जिलों में वे अपनी पैठ बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं. नक्सलियों द्वारा पर्चों के जरिए पुलिस मुखबिरों को धमकी देकर मुखबिरी बंद करने का आह्वान किया जा रहा है. बारिश के मौसम में नक्सलियों का ट्रेनिंग कैंप लगाना अनुकूल माना जाता है, क्योंकि इस मौसम में नदी-नाले उफान पर होने से सभी रास्ते बंद हो जाते हैं. इस दौरान नक्सली जंगलों में नदी किनारे ट्रेंनिंग कैंप लगाकर दलम में भर्ती नये साथियों को ट्रेनिंग देते हैं.
एसपी अभिषेक तिवारी का कहना है कि बालाघाट पुलिस अलर्ट है. छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र पुलिस के साथ लगातार सीमावर्ती इलाकों में संयुक्त सर्चिंग की जा रही है. नक्सलियों के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए सैटेलाइट और ड्रोन कैमरों की मदद लेकर लगातार नजर रख रहे हैं. नक्सलियों को किसी भी तरह के मंसूबों में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. दलम में बालाघाट जिले से नए सदस्यों की भर्ती को एसपी ने अफवाह बताया है.