अशोकनगर। निर्धन एवं असहायों के लिए शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को सरकारी नुमाइंदे ही किस तरह पलीता लगा रहे हैं, इसका उदाहरण अशोकनगर जिले में देखने को मिला. जहां एक दिव्यांग और मानसिक रूप से अस्वस्थ बेटे को रस्सी से बांधकर एक मां राशन कार्ड बनवाने के लिए 30 किमी दूर सोनेरा ग्राम से अशोकनगर जिला मुख्यालय पहुंची. घंटों पंचायत परिसर में इंतजार के बाद जनपद अध्यक्ष प्रतापभान सिंह यादव को अपनी समस्या से रू-ब-रू कराया.
दिव्यांग बेटे के साथ राशन कार्ड के लिए एक मां हो रही परेशान, अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान - दिव्यांग बेटा
दिव्यांग बेटे को लेकर 30 किलोमीटर दूर जनपद पंचायत पहुंचकर मां गुलाब बाई ने राशन कार्ड बनवाने के लिए जनपद अध्यक्ष से कई बार गुहार लगाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुई. राशन कार्ड के लिए मां- बेटे परेशान हैं, लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है.
पीड़ित महिला ने बताया कि, मजदूरी कर जैसे-तैसे घर का गुजर बसर चलता है. उसी में उसका एक बेटा दिव्यांग है. जिसे वह कहीं छोड़ नहीं सकती. जहां भी जाती हैं, तो पहले उसे रस्सी से बांधकर ले जाना पड़ता है. एक साल पहले घर में आग लगने की वजह से सभी दस्तावेज जलने के बाद राशन कार्ड नहीं बना, एक साल से सेक्रेटरी साहब के चक्कर काटवा रहे हैं. पीड़ित महिला की समस्या सुनकर तत्काल जनपद अध्यक्ष ने गांव के सचिव रामवीर सिंह रघुवंशी को बुलाकर मामले की जानकारी ली. पंचायत सचिव का कहना है कि, महिला ने राशन कार्ड बनवाने के लिए कागज नहीं दिए हैं.
हालांकि जनपद अध्यक्ष के पति प्रताप भान सिंह का कहना है कि, महिला ने आज ही मेरे पास आकर अपनी समस्या बताई. जिसके बाद महिला से आज दस्तावेज बनवाए हैं. ताकि जल्द से जल्द उसका राशन कार्ड बन सके और शासन की योजनाओं का लाभ महिला को मिल सके. उन्होंने कहा कि, इस संबंध में जनपद सीईओ से चर्चा कर सेक्रेटरी को नोटिस जारी कर कारण पूछा जाएगा, कि 1 साल से महिला का राशन कार्ड क्यों नहीं बना.