अशोकनगर/भोपाल। गद्दार कौन है, देशद्रोही कौन है, वफादार कौन है और देशभक्त कौन है? हर कोई खुद को वफादार साबित करने में लगा है और विरोधी को गद्दार साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. यही हाल देशभक्ति का भी है, आजकल समाज नदी के दो किनारों की तरह बंटा हुआ है, जिसमें एक देशभक्त और दूसरा देशद्रोही. ये दोनों शब्द अक्सर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Union Minister Jyotiraditya Scindia Congress leader Digvijay Singh face to face) के इर्द गिर्द घूमते रहते हैं. रविवार को सिंधिया ने पलटवार करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह जितना भी उकसाने की कोशिश करें, वह उनकी स्थित और मानसिक संतुलन दर्शाती है. उन्होंने गद्दारी के बारे में जो कहा, मैं बस यही कहूंगा कि जो ओसामा को ओसामा जी कहे और जो कांग्रेस की सरकार बनने पर अनुच्छेद 370 हटाने की बात कहे, गद्दार कौन है वह जनता तय करे.
गद्दार कौन राजा या महाराजा! गद्दारी पर फिर आमने-सामने दिग्विजय-सिंधिया
गद्दारी पर एक बार फिर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Union Minister Jyotiraditya Scindia Congress leader Digvijay Singh face to face) आमने सामने हैं. सिंधिया ने साफ कहा कि जो कांग्रेस की सरकार बनने पर अनुच्छेद 370 बहाल करने की बात करे, जो ओसामा को ओसामा जी कहे, गद्दार वो है या कोई और. अब ये जनता ही तय करे.
दिग्विजय सिंह या एमपी कांग्रेस सिंधिया को जयचंद, गद्दार, बिकाऊ, लोकतंत्र का हत्यारा साबित करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती है. दिग्विजय सिंह के गद्दारी के ही आरोप पर सिंधिया ने कहा कि जो ओसामा को ओसाम जी कहते हैं गद्दार वो हैं या कोई और, जो कांग्रेस की सरकार बनने पर कश्मीर में अनुच्छेद पुन: लागू करने की बात कहे गद्दार वो है या कोई और. सिंधिया न तो उनकी पोल खोलना चाहते हैं और न ही उनके जितना नीचे गिरना चाहते हैं. सिंधिया परिवार का एक स्तर है, जिसे उन्हें बरकरार रखना है, रही बात गद्दारी की तो उसे जनता और मीडिया खुद ही तय करे.
दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा था कि बीजेपी के केवल तीन यार. बिकाऊ, जयचंद और गद्दार.