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मुंगावली उपचुनाव: ट्रांसफार्मर बदलवाने को लेकर राजनीति शुरू, चार नेताओं में श्रेय को लेकर मचा होड़

कोरोना संक्रमण के दौरान अशोकनगर में विधानसभा उपचुनाव की चर्चा भी तेज होते जा रही है. इस दौरान जिले के मुंगावली विधानसभा क्षेत्र के एक ट्रांसफार्मर पर काफी राजनीति हो रही है, जिसे बदलने का श्रेय लेने के लिए बीजेपी के तीन और कांग्रेस के एक नेता के बीच होड़ मची है.

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ट्रांसफार्मर को लेकर राजनीति

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Published : May 28, 2020, 12:24 AM IST

अशोकनगर।कोरोना के कहर के बाद अब विधानसभा उपचुनाव की सरगर्मी बढ़ती जा रही है. ऐसी स्थिति में हर एक पार्टी के नेता श्रेय की राजनीति में लगे हुए हैं. जैसे-जैसे प्रदेश में उपचुनाव की गर्मी बढ़ रही है, वैसे-वैसे दावेदारों और उनके समर्थकों में चुनाव का करंट बढ़ने लगा है. मुंगावली विधानसभा की घाट बमुरिया में ट्रांसफार्मर सही करवाने को लेकर भाजपा-कांग्रेस का राजनीतिक ड्रामा शुरू हो गया.

मुंगावली सहित दो सीटों पर होना है उपचुनाव

जिले में मुंगावली सहित दो सीटों पर उपचुनाव होना है. इस दौरान यहां मुंगावली विधानसभा क्षेत्र के घाट बमुरिया गांव की एक ट्रांसफार्मर से बिजली की जगह चुनाव का करंट निकलने लगा है. जली पड़ी डीपी को सही करने का श्रेय लेने के लिये एक नहीं, तीन-तीन लोगों की पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियों में हैं.

ये पूरा मामला हाई वोल्टेज ड्रामे की तरह है. चुनाव के पहले अपनी दावेदारी पेश करने, लोगों को लुभाने का सिलसिला जारी है. मुंगावली के गांव घाट बमुरिया में पिछले दिनों ट्रांसफार्मर जल गया था. भीषण गर्मी के दिनों में ग्रामीणों को इस कारण काफी परेशानी उठानी पड़ी.

विद्युत विभाग ने ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर उस ट्रांसफार्मर को बदल दिया. बस उसी के बाद ट्रांसफार्मर बदलने का श्रेय लेने की प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई. फिर तो जो हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू हुआ, उसका करंट गांव सहित पूरे जिले में दौड़ा.

लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि उनको नए ट्रांसफार्मर की सौगात उनकी शिकायत पर मिली है या क्षेत्र के किसी नेता की देन है. सबसे पहले राव अजय प्रताप सिंह और उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से उस ट्रांसफार्मर को रखवाने का न केवल श्रेय लिया बल्कि आगामी उपचुनाव की दावेदारी कर अन्य दावेदारों को झटके देने शुरू कर दिए.

कांग्रेस के एक नेता और बीजेपी के तीन नेताओं में श्रेय लेने की मची होड़

इस घटना के बारे में जैसे ही पूर्व विधायक बृजेन्द्र सिंह को पता चला, उनकी ओर से बीजेपी के सोशल मीडिया एकाउंट से इस ट्रांसफार्मर को रखवाने की घोषणा कर दी गई. ऐसा करते समय उन्होंने अपने पूर्व कार्यकाल के कार्यों को भी शुमार कर दिया. बृजेन्द्र सिंह कांग्रेस के उन 22 बागी विधायकों में से हैं, जिन्होने कांग्रेस की सरकार गिराकर बीजेपी का दामन थाम लिया है.

श्रेय लेने की होड़ उपचुनाव में टिकट पाने की मंशा रखने वाले नेताओं के बीच चल ही रही थी कि इस डीपी प्रकरण में बीजेपी सासंद केपी यादव के समर्थक ने सांसद की मेहरबानी के तार बिछा दिेए. सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर बताया गया कि गांव घाट बमुरिया का ट्रांसफार्मर उनके लोकप्रिय सासंद की वजह से रखा गया है.

इतना ही नहीं, इन सभी के प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट पर आभार भी प्रदर्शित किया है. इन सभी ने आगामी उपचुनाव के लिए अपने नेता को सर्वश्रेष्ठ और उपयुक्त उम्मीदवार बताया है. सबने एक ही फोटो का उपयोग अपनी पोस्ट में किया है. विचित्र स्थिति तो तब बन गई जब इतने महिमामंडन के बाद कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी ने भी घाट बमुरिया के ट्रांसफार्मर पर अपना दावा ठोंक दिया.

मुंगावली की जनता भ्रमित

अब मुंगावली की जनता को समझ नहीं आ रहा कि उनके गांव में इस ट्रांसफार्मर को लगाने का असली श्रेय किसे दें. अब यह हाई वोल्टेज ड्रामा अपने पूरे शबाब पर है. देखते हैं कि आगामी समय में जोर का झटका किसको लगता है.

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