अशोकनगर।देश के अलग-अलग इलाकों में अपने घर जाने के लिए परेशान मजदूरों के किराये खर्च पर भाजपा-कांग्रेस की राजनीति शुरू हो गई है. जिसमें कांग्रेस एवं भाजपा नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं. इस पूरे मामले में आगामी चुनावों को देखते हुए राजनीतिक हलचल शुरू होती दिखाई दे रही है.
मजदूरों के किराये पर शुरू 'राजनीति', बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने, सांसद ने कही ये बात - मजदूरों को लाने में राजनीति
देश के अलग-अलग इलाकों में अपने घर जाने के लिए परेशान मजदूरों के किराये खर्च पर भाजपा-कांग्रेस की राजनीति शुरू हो गई है. जिसमें कांग्रेस एवं भाजपा नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं. इस पूरे मामले में आगामी चुनावों को देखते हुए राजनीतिक हलचल शुरू होती दिखाई दे रही हैं.
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा मजदूरों का खर्च उठाने के ऐलान पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सहमति जताई है. पूर्व सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश कांग्रेस मजदूरों को घर पहुंचाने का खर्च उठाएगी. इस बात पर ईटीवी भारत से बात करते हुए गुना संसदीय क्षेत्र के सांसद डॉक्टर केपी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक पॉलिसी चालू की है. जिसके तहत अन्य प्रदेशों से अपने गृह जिलों तक पहुंचने वाले मजदूरों का 85 फीसदी किराया केंद्र सरकार बहन करेगी, बाकी 15 फीसदी किराया राज्य सरकार को बहन करना होगा.
वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 15 फीसदी राशि भी शासन को जमा कर दी है. इसके साथ ही दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का काम भी शुरू कर दिया गया है.