अशोकनगर।सोमवार को जिले में सुबह तीन कोराना के मामले सामने आए, वहीं शाम होते ये आंकड़ा 19 पहुंच गया. संक्रमित मरीजों में 10 शहर में मिले हैं.जबकि बाकि संक्रमितों में आंवरी, रावंसर, कदवाया समेत शाढौरा क्षेत्र के मरीज शामिल हैं. इनमें शिशु रोग विशेषज्ञ के साथ दो स्टाफ नर्स भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. इनमें से एक नर्स का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें नर्स ने सिविल सर्जन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. नर्स का कहना है कि सिविल सर्जन की लापरवाही का दुष्परिणाम पूरा जिला भुगत रहा है. इस वीडियो के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं.
नर्स ने किया मामले का खुलासा
नर्स के मुताबिक एक जिला अस्पताल में एक बच्ची इलाज के लिए आई थी. जिसे कोरोना के लक्षण थे. बावजूद इसके सिविल सर्जन हिमांशु शर्मा ने उस बच्ची को आइसोलेट नहीं किया. जिसके चलते उसके संपर्क में आने वाला नर्सिंग स्टाफ भी संक्रमण की चपेट में आ गया. इतना ही नहीं जब बच्ची की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद नर्सिंग स्टाफ के सैंपलिंग की गई. जिसकी रिपोर्ट आना बाकि था कि इसी दरमियान अस्पताल प्रबंधन की तरफ से फरमान आया है कि उन्हें ड्यूटी ज्वाइन करनी है. इसके बाद उन्होंने दबाव में ड्यूटी ज्वाइन की, जिसके बाद जिन मरीजों का इस स्टाफ ने इलाज किया वे संक्रमण की जद में आ गए.
क्वॉरेंटाइन सेंटर में नहीं मिल रहीं सुविधाएं
नर्स का आरोप है कि उन्हें और बाकी मरीजों को इम्युनिटी बढ़ाने के हिसाब से डाइट नहीं दी जा रही है. सेंटर पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है. पाने के पानी के लिए उसकी हालत तो और ही खराब है. नर्सिंग स्टाफ को एक बाल्टी दे दी गई है और एक वाटर कूलर जिससे उन्हें पानी पीना है. ये बाल्टी बाहर पड़ी रहती है, जिसके चलते इसमें कीड़े पड़े रहते हैं.
नर्सिंग स्टाफ पर बनाया जा दबाव
आइसोलेशन सेंटर की बदइंतजामी को लेकर नर्सों ने अपने विभाग के आलाधिकारियों से शिकायत की, लेकिन अधिकारियों ने व्यवस्था में सुधार की बजाए नर्सों को ही धमकाना शुरू कर दिया, उसके बाद पूरा मामला मीडिया में उजागर हो गया. आइसोलेशन में भर्ती संक्रमित नर्स के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग की स्टाफ नर्स होने के बावजूद उनकी समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है.