अशोकनगर। जिला अस्पताल में बेड पर बिछाये जाने वाले चादरों की धुलाई के लिए अस्पताल प्रबंधन ने ठेकेदार को टेंडर दिया था. ठेकेदार ने चादरों की धुलाई तुलसी तालाब के पानी से कराई है. तालाब में मरीजों की चादरें धुलने से संक्रमण का खतरा होता है. साथ ही तालाब का पानी भी गंदा होता है. ईटीवी भारत की खबर पर सिविल सर्जन हिमांशु शर्मा ने ठेकेदार को नोटिस जारी कर तालाब में चादरों की धुलाई नहीं करने के निर्देश दिए हैं.
तालाब में अस्पताल की चादर धुलाई पर सिविल सर्जन ने ठेकेदार को दिया नोटिस - तुलसी सरोवर
अशोकनगर में जिला अस्पताल के मरीजों की चादरें तालाब में धुलवाई जा रही थीं. मामले की जानकारी सिविल सर्जन को लगी तो उन्होने तत्काल ठेकेदार को नोटिस जारी कर चादरों को तालाब में नहीं धोने का निर्देश दिया.
चादर धुलाई
दरअसल तुलसी सरोवर में 3 नालों का गंदा पानी मिलता है. जिला अस्पताल की चादरों की धुलाई ठेकेदार इसी तालाब में करता है. जिससे अस्पताल में मरीजों को इन चादरों से संक्रमण का खतरा बना रहता है और तालाब का पानी भी गंदा होता है.
सिविल सर्जन ने बताया कि जैसे ही उन्हें मामले की जानकारी लगी उन्होंने तत्काल ठेकेदार को नोटिस जारी कर दिया. कपड़ों की धुलाई से तालाब का पानी तो गंदा होता ही है, साथ ही मरीजों को भी संक्रमण का खतरा बना रहता है.