अशोकनगर। शहरी स्तर पर अतिक्रमण हटाकर शासन प्रशासन भले ही अपनी पीठ ठोक रहा हो, लेकिन ग्रामीण स्तर पर हालात बेहद खराब हैं. कई गांवों में अतिक्रमणकारियों ने सार्वजनिक निस्तार की भूमि को भी नहीं बख्शा है, जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
अतिक्रमणकारियों के चलते अंतिम संस्कार के लिए नहीं मुक्तिधाम में जगह, परिजन होते रहे परेशान
अशोकनगर में अतिक्रमणकारियों ने सार्वजनिक निस्तार की भूमि पर कब्जा कर लिया है, जिसकी वजह से गांव में एक मृत बुजुर्ग का अंतिम संस्कार करने की जगह उसके परिवार वालों को नहीं मिली.
बड़ौरा गांव में एक दिवंगत के अंतिम संस्कार को जगह ही नहीं मिली. इसके बाद मृतक के परिजन लकड़ी कंडे लेकर मुख्य सड़क पर अंतिम संस्कार करने के लिए पहुंच गए. मामले की सूचना जैसे ही प्रशासन को मिली तो राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और शासकीय जमीन से अतिक्रमण हटाकर दिवंगत का अंतिम संस्कार कराया गया. इस दौरान दो घंटे से भी ज्यादा समय तक अर्थी प्रशासन के पीछे चलती रही.
मृतक के परिजनों का समाज के लोग पहले ही बहिष्कार कर चुके हैं. दरअसल लगभग एक साल पहले बिसोर गांव में हुए दोहरे हत्याकांड में मृतक का पुत्र बलवीर केवट मुख्य आरोपी है. इस कारण गांव और समाज के लोग वास्ता नहीं रखते. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में मृत होने पर उसके परिजन अपनी निजी जगह में अंतिम संस्कार कर देते हैं, लेकिन इनके पास कोई जमीन नहीं थी. जबकि समाज वालों ने हत्यारे का पिता मानकर अपनी जगह में अंतिम संस्कार नहीं करने दिया.