अशोकनगर। गेहूं खरीदी केंद्रों पर खरीदी 25 मार्च से शुरू हो गई है. जिले में 10 दिन बाद किसानों के मोबाइल पर एसएमएस भी पहुंच गए हैं, लेकिन अधिकांश किसानों ने खरीदी केंद्र पर पहुंचकर अपनी फसल बेचने में रुचि नहीं दिखाई है. किसानों को पंजीयन में बेचने वाले गेहूं की कीमत मंडी में अधिक मिल रही है.
गेहूं खरीदी केंद्रों पर नहीं पहुंचे किसान
पिछले साल की तुलना में इस वर्ष फसल बेचने के लिए केंद्रों पर अधिक रजिस्ट्रेशन दर्ज हुए हैं. किसान अपनी फसल को खरीदी केंद्र पर न बेचते हुए कृषि उपज मंडी में अपनी फसल को बेच रहे हैं. इसके बदले में उन्हें 160 रूपए बोनस भी मिल रहा है. साथ ही फसल की राशि का भी जल्द भुगतान हो रहा है.
इस वर्ष समर्थन मूल्य की खरीदी के लिए जस्ट इन टाइम पेमेंट सिस्टम शुरू किया गया है. इसकी जानकारी देते हुए नागरिक आपूर्ति के अधिकारी एमएस राठौर ने बताया कि अब यह पैसा सोसायटी के पास ना आते हुए किसानों का माल वेयरहाउस में रखने के दौरान उनके खाते में सीधे तौर पर पहुंचेगा. ऑनलाइन व्यवस्था की वजह से विभाग के अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
यदि खरीदी केंद्र संचालकों की बात मानें तो उनके अनुसार 25 मार्च से ही खरीदी केंद्रों पर पर्याप्त व्यवस्था शुरू कर दी गई थी. केंद्रों पर बैठने वाले ऑपरेटर ने बताया कि इस बार किसानों को एसएमएस सीधे तौर पर भोपाल से भेजे गए हैं. लेकिन इसके बावजूद भी किसानों का खरीदी केंद्रों पर ना पहुंचना एक बड़ी बात है.