अशोकनगर। जिले के मुंगावली स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात सफाई कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने के कारण उन्हें रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है. कई शिकवा शिकायत करने के बाद भी कर्मचारियों का वेतन नहीं मिला तो यह हड़ताल पर बैठ गए हैं.
मुंगावली स्वास्थ्य विभाग में ठेकेदारी प्रथा से परेशान सफाई कर्मचारियों को 8 माह से वेतन भी नहीं मिला. जिसके कारण उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में परेशान इन कर्मचारियों को विभाग के डॉक्टर स्वयं के अनुसार थोड़ी बहुत मदद कर रहे हैं. कोरोना जैसे संक्रमण काल में इन सफाई कर्मचारियों का कार्य महत्वपूर्ण एवं सराहनीय रहा. ऐसे परेशानी के दौर में भी इन्होंने स्वास्थ्य विभाग के साथ कदम से कदम मिलाकर कार्य किया. लेकिन अब 8 माह से वेतन नहीं मिलने के कारण यह सभी सफाई कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए हैं.
स्वास्थ्य विभाग कर्मचारी नरेंद्र ने बताया कि हम लोगों को 8 माह से वेतन नहीं मिला. केवल ठेकेदार ने एक बार ₹5000 दिए थे. लेकिन उसके बाद किसी भी तरह का पैसा नहीं दिया गया. एक दो महीने हमने जैसे तैसे किराने की दुकान से उधार राशन लेकर अपना काम चलाया. लेकिन अब दुकानदार भी अपना पैसा मांगते हैं. जिसके कारण अब दाने दाने के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है. ऐसा नहीं कि इस मामले की हमने शिकायत न की हो कई बार इस मामले की शिकायत अस्पताल प्रबंधक से कर चुके हैं. लेकिन आखिरकार इसका कोई हल नहीं निकल पाया.
सिविल अस्पताल के डॉक्टर दिनेश त्रिपाठी का कहना है कि इन कर्मचारियों ने वाकई में कोरोना संक्रमण काल में बहुत मेहनत की. लेकिन इनमें से कुछ कर्मचारियों को पहले आरकेएस में परिवर्तित किया गया. इसके बाद इन्हें ठेके पर काम करने की अनुमति दी गई. इनकी वेतन को लेकर सीएमएचओ, अपर कलेक्टर एवं कलेक्टर को कई बार पत्राचार किया गया. कई बार फोन पर भी जब सीएमएचओ से चर्चा की गई तो उनके द्वारा केवल आश्वासन ही मिला. वेतन को लेकर परेशान होने के बाद यह कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हैं. जिससे अस्पताल की सफाई व्यवस्था ध्वस्त हो गई है.
आपको बता दें कि सफाई कर्मचारियों के अलावा एसएनसीयू वार्ड के कर्मचारियों को भी ठेका पद्धति से वेतन देना लागू किया गया है. इससे पहले एसएनसीयू के कर्मचारियों को आरकेएस (रोगी कल्याण समिति) से वेतन दिया जाता था. बाद में उन्हें ठेकेदारों के हैंड ओवर कर दिया गया है.