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विकास के नाम पर रेलवे ने हरे-भरे पेड़ों पर चलवा दिया 'आरा', पर्यावरण प्रेमियों ने जताया विरोध - deforestation in ashoknagar

अशोक नगर रेलवे स्टेशन के पास हरे-भरे पेड़ों को काटा जा रहा है. जिसका पर्यावरण प्रेमियों ने विरोध किया है, लेकिन पेड़ों की कटाई पर रेलवे प्रशासन खामोश है.

हरे-भरे पेड़ों की कटाई

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Published : Nov 19, 2019, 1:19 PM IST

Updated : Nov 19, 2019, 3:27 PM IST

अशोकनगर। एक तरफ जहां पर्यावरण प्रदूषण के चलते शहर की हवा जहरीली हो रही है. वहीं दूसरी तरफ अशोक नगर रेलवे स्टेशन के पास अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत के चलते कई हरे-भरे पेड़ों को काटा जा रहा है. ये पेड़ 100 साल से भी पुराने हैं. पेड़ों को कटता देख पर्यावरण प्रेमियों से रहा नहीं गया और उन्होंने मामले की शिकायत वन विभाग से कर दी. साथ ही मौके पर पहुंचकर पेड़ों के कटाई रोकने के लिए हंगामा किया. हंगामा बढ़ता देख रेलवे सुपरवाइजर शैलेंद्र सिंह मौके से चलते बने और उच्च अधिकारियों से बात करने को कहा.

हरे-भरे पेड़ों की कटाई

रेलवे ने ठेकेदार को जो टेंडर दिया था, उसमें केवल 11 सूखे यूकेलिफ्ट्स के पेड़ दर्शाए गए थे, जबकि रेलवे अधिकारियों की मौजूदगी में स्टेशन के पास लगे इमली, बरगद सहित कई हरे-भरे पेड़ों को काट दिया गया. पेड़ों की कटाई के बारे में जब रेलवे सुपरवाइजर शैलेंद्र लोधी से मीडिया ने सवाल किया तो पहले तो वे कैमरे के बचते नजर आए और भागते-भागते कहा कि उच्च अधिकारियों से बात करो, वे इस मामले कोई टिप्पणी नहीं कर सकते. वहीं रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी भी मीडिया से बचते नजर आ रहे हैं.

उजड़ा परिंदों का आशियाना

100 साल से से भी अधिक पुराने इस बरगद के पेड़ पर सैकड़ों की संख्या में तोते सहित कई पक्षियों का बसेरा था, जैसे ही ये पेड़ कटा तो उनका आशियाना उजड़ गया. स्थानीय निवासी अशोक शर्मा ने बताया कि ये पेड़ सौ साल से भी अधिक पुराने हैं. उनका बचपन यहां गुजरा है. जब इन्हें कटते देखा तो सहन नहीं कर पाया और इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि पर्यावरण के लिए सौंदर्यीकरण उतना जरुरी नहीं, जितने कि पेड़ जरुरी हैं.

Last Updated : Nov 19, 2019, 3:27 PM IST

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