अशोकनगर। मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव की तारीख जैसे ही नजदीक आती जा रही है, नेताओं के मंचों से अमर्यादित बयान भी सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में अशोकनगर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी आशा दोहरे के बड़े भाई देवेंद्र दोहरे ने भाजपा की सदस्यता ले ली है. वहीं उन्होंने अपनी सगी बहन आशा दोहरे, जो कांग्रेस प्रत्याशी हैं, उनपर आरोप लगाते हुए कहा कि जो अपने भाई और पिता की न हो सकी, वह किसी और की क्या होगी ?
बीजेपी नेता और भाई के बयान पर कांग्रेस प्रत्याशी बहन ने किया पलटवार अशोकनगर विधानसभा की कांग्रेस प्रत्याशी आशा दोहरे के बड़े भाई ने कहा कि मैंने अपनी बहन को उसी दिन मृत घोषित कर दिया था, जिस दिन वह घर छोड़कर भागी थी. अपने ही भाई के बयान पर कांग्रेस प्रत्याशी का कहना है कि 'मेरे भाई पर दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन ये पूरे शहर को 15 साल पहले से ही पता था कि मेरी शादी कैसे हुई, और मैं किस घर में आई. आशा ने कहा इस पर्दे के पीछे जो यह कार्य कर रहे हैं, उनसे स्पष्ट रूप से कहना है कि अगर मैंने किसी और की किताबों के पन्ने खोलने शुरू कर दिए तो मुश्किलें बढ़ सकती है. साथ ही कि अभी नवरात्र चल रहा है, मातृशक्ति से नहीं टकराना चाहिए, मुद्दों पर बात करें, लोगों का प्यार हासिल करें. मीडिया के जरिए उन्होंने कहा कि मेरा जिसकी ओर इशारा है, वह भली-भांति समझ चुका है.'
भाजपा में शामिल हुए देवेंद्र दोहरे ने बताया कि 'मेरी बहन अपने पिता और भाई कि नहीं हुई, इसलिए अब वह किसी की क्या हो सकती है. वह आज कांग्रेस में है, भाजपा में भी आ सकती है, और भाजपा में पहुंचकर भाजपा को भी छोड़ सकती है. आशा शादी के फेरों में से कहीं चली गई थी, जिसके सदमें में मेरे पिता की मौत हुई थी, इसलिए मैंने उसी दिन से उसे मृत घोषित कर दिया था.'
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इस आरोप पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी आशा दोहरे ने बताया कि 'मेरी शादी मैंने अपनी मर्जी से जैन समाज में की है. ये पूरी बात उसने अपने पिता को भी बता दी थी, और शादी होने के बाद उसके पिता भी खुश थे, लेकिन शादी के 4 साल बाद पिता की मौत हो गई, क्योंकि वह बीमार रहते थे. इसमें सदमे की कोई बात नहीं है.' साथ ही आशा ने कहा कि मेरे भाई के बीजेपी में शामिल होने वाली बात मुझे पता है, कि ये षड्यंत्र किसके द्वारा रचाया गया है. उन्होंने कहा कि ये नट-बाजीगर का काम है. उन्होंने इशारों में स्पष्ट रूप से कह दिया कि उनके जीवन की किताब 15 साल पहले यह शहर पढ़ चुका है. इसलिए इससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा.