अशोकनगर। जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजकुमार जैतवार ने जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती एक मरीज को एक प्राइवेट पैथोलॉजी की पर्ची देकर वहां एक्स-रे कराने की बात कही थी. जिसके बाद मरीज को 42 डिग्री तापमान में 1 किलोमीटर लंबे एफओबी को पार करके एक्स-रे कराने जाना पड़ा था. ये मामला कई दिनों से सुर्खियों में है.
अशोकनगर: जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को कलेक्टर ने किया सस्पेंड, मरीज को प्राइवेट पैथोलॉजी में भेजने का मामला
अशोकनगर जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजकुमार जैतवार ने जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती एक मरीज को एक प्राइवेट पैथोलॉजी की पर्ची देकर वहां एक्स-रे कराने की बात कही थी. इस पूरे मामले को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद अशोकनगर कलेक्टर मंजू शर्मा ने प्रभारी सिविल सर्जन एसएस छारी को पद से हटा दिया.
इस पूरे मामले को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद अशोकनगर कलेक्टर मंजू शर्मा ने प्रभारी सिविल सर्जन एसएस छारी को पद से हटा दिया. अपने दिए गए आदेश को तत्काल लागू करने के अलावा उन्होंने सिविल सर्जन का प्रभार सीएमएचओ जेएस त्रिवेदीया को दिया है. मामला 31 मई का है जब जिला अस्पताल में पदस्थ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ राजकुमार जैतवार ने शिवरानी नाम की महिला को प्राइवेट पैथोलॉजी पर एक्स रे कराने के लिए एक पर्ची दी थी. जिसके बाद महिला का दिव्यांग पति गजराज धानुक पैसे ना होने के कारण अपनी पत्नी को स्ट्रेचर पर लिटा कर 1 किलोमीटर लंबे एफओबी को पार कर प्राइवेट पैथोलॉजी पर पहुंचा था. जबकि जिला अस्पताल में एक्स-रे की तीन मशीन लगी हुई हैं.
इस पूरे मामले में दोषी डॉक्टर राजकुमार जैतवार पर प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. जो अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा करती है. देखना ये है कि अब प्रशासन द्वारा इस तरह संवेदनशील मामलों में बड़ी लापरवाही करने वाले डॉक्टरों पर कोई और कार्रवाई होती है या हर बार की तरह मामले को दबाने का प्रयास किया जाएगा.