अशोकनगर। गर्मियां आते ही जल संकट की समस्या से हर जगह लोगों को जूझना पड़ता है. लेकिन, अशोकनगर नगरपालिका क्षेत्र में कुछ वार्डो में लोगों को दूषित पानी की समस्या ने घेर रखा है. आलम ये है कि जो पानी नगर पालिका के नलों से प्रदाय किया जाता है वह इतना गंदा होता है, जिसे पीने से लोग बीमार हो रहे हैं.
यह समस्या कोई 1 या 2 दिनों की नहीं बल्कि लंबे अरसे से है. वार्डवासी दूषित पानी का उपयोग करने को मजबूर हैं. कुछ लोगों ने तो बाजार में बिकने वाला आरओका पानी तक खरीदना शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि अशोकनगर नगर पालिका क्षेत्र में कुल 22 वार्ड हैं, जिसमें से 3 या 4 वार्डों में सरकारी नलों में से घरों तक जो पानी आता वह मटमैला या फिर बहुत गन्दा होता है. कहने को तो नगर पालिका द्वारा लाखों रुपये व्यय कर जल शुद्धिकरण संयंत्र भी लगाया है, लेकिन इन नलों से आ रहे पानी को देखकर लगता ही नहीं कि पानी को साफ किया जा रहा है.
नगर पालिका द्वारा सप्लाई किया जा रहा पानी
दरअसल जो पाइपलाइन जल प्रदाय के लिए शहर में बिछी है वह गुणवत्ताहीन होने के कारण कई जगह से टूटी हुई है और इसी के द्वारा नलियों का गन्दा पानी सप्लाई होने वाले पानी मे मिलकर घरों तक पहुंचता है.न वार्डवासियों ने बताया कि 1 महीने से भी अधिक समय से यह समस्या है और गन्दा पानी उपयोग करना उनकी मजबूरी बन गई है. रहवासियों ने नगर पालिका में इसकी शिकायत भी की है, लेकिन उसका भी कोई असर नहीं हुआ है. पाइपलाइन के लीकेज या जो भी समस्या है उसे सुधारने का कोई प्रयास नहीं किया गया है.
दूषित पानी पीने से लोगों का स्वास्थ खराब हो रहा है. मामल में जब चीफ मेडिकल ऑफिसर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गंदा पानी सेहत पर काफी गलत असर करता है. इससे उल्टी और दस्त की समस्याएं होती हैं और फिर पेट और लीवर सम्बन्धी बीमारियां धीरे धीरे बड़ा रूप ले लेती है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 8 से 10 मरीज इन बीमारियों के आ रहे हैं,. दूषित पानी की समस्या पर नगर पालिका के अधिकारियों ने बताया कि कुछ जगह लाइन सुधारते समय कुछ मात्रा में गन्दा पानी या मिट्टी लाइन में चली जाती है, जिसके कारण दूषित पानी की समस्या आती है.