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निजी स्कूल की तानाशाही, फीस न देने पर बच्चों को दो घंटे मैदान में किया खड़ा - Private school arbitrary

निजी स्कूलों में अनियमितताएं एवं अन्य शिकायतें मिलना आम बात है. कभी-कभी इन्हीं स्कूलों के ऐसे मामले सामने आते हैं, जो यह साबित करते हैं कि प्राइवेट स्कूल शिक्षा को मात्र एक व्यवसाय बनाए हुए हैं. इसी तरह का मामला ब्लू चिप पब्लिक स्कूल से सामने आया है.

arbitrary of blue chip public school
निजी स्कूल ने जारी किया तुगलकी फरमान

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Published : Dec 18, 2019, 5:31 PM IST

अशोकनगर। शहर के निजी स्कूल ब्लू चिप पब्लिक की मनमानी का मामला सामने आया है. जहां स्कूल प्रबंधन ने मासूम बच्चों को 9 डिग्री तापमान की कड़कड़ाती ठंड में सिर्फ इसलिए खुले आसमान के नीचे खड़े होने को मजबूर कर दिया, क्योंकि उनके पालकों ने स्कूल की पूरी फीस जमा नहीं की थी. बच्चे करीब 2 घंटे तक खुले मैदान में खड़े रहे.


बाद में ईटीवी भारत की टीम ने जब इस मामले की जानकारी जिला प्रशासन को दी तब जाकर छात्रों को स्कूल में प्रवेश दिया गया. स्कूल के बाहर फरमान चिपका दिया गया है कि बिना प्रवेश पत्र के स्कूल में एंट्री नहीं दी जाएगी और न ही अर्धवार्षिक परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी. प्रवेश पत्र प्राप्त करने के लिए पूरी फीस जमा होनी चाहिए.

निजी स्कूल ने जारी किया तुगलकी फरमान


70 से 80 प्रतिशत तक फीस जमा
पालकों की मानें तो कई बच्चों को करीब 70 से 80 प्रतिशत तक फीस जमा की जा चुकी है. इसके बावजूद भी स्कूल प्रबंधन पूरी फीस जमा कराने के लिए दबाव बना रहा है. पूरी फीस ना देने की स्थिति में प्रवेश पत्र नहीं दिया जा रहा. स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के परिजनों ने स्कूल के इस तुगलकी फरमान का विरोध जताया और कार्रवाई की मांग की.


परिजनों का आरोप
पालकों की मानें तो परीक्षा से पहले ही इस तरीके से इन बच्चों को परेशान किया जाता है. उनके बच्चों को ठंड में बाहर खड़ा कर दिया जाता है, जबकि 80 प्रतिशत फीस भी जमा करा चुके हैं. वहीं स्कूल प्रबंधन का कहना है कि परीक्षा से पहले फीस जमा करने के लिए कई बार छात्रों और परिजनों को सूचित किया गया. इसके बाद भी पूरी फीस जमा नहीं की गई.


कार्रवाई का आश्वासन
वहीं इस पूरे मामले पर शिक्षा विभाग के अधिकारी यह मानते हैं कि कोई भी विद्यालय फीस जमा ना होने की स्थिति में बच्चों को किसी भी प्रकार की शिक्षा या परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता. ऐसा करने पर स्कूल पर कार्रवाई की प्रक्रिया भी की जा सकती है.

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