अनूपपुर। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से निपटने के लिए देशभर में लॉकडाउन है, ऐसे में दूसरे राज्यों में फंसे तमाम मजदूर अपने- अपने घरों के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं. रेल और बस सेवा बंद होने के कारण यह मजदूर पैदल व साइकिल से ही अपने घर जाने को मजबूर हैं. ऐसे ही कई मजदूर छत्तीसगढ़ के कई शहरों से मध्य प्रदेश के सीधी, सिंगरौली, सतना, रीवा और उत्तर प्रदेश के लिए निकल पड़े हैं. आज सात मजदूर अनूपपुर पहुंचे.
लॉकडाउन में पैदल ही घर के लिए निकल पड़े मजदूर, चलते- चलते पांव में पड़े छाले - Workers going home
लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे तमाम मजदूर अपने- अपने घरों के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं. ऐसे ही कई मजदूर छत्तीसगढ़ के कई शहरों से मध्य प्रदेश के सीधी, सिंगरौली, सतना, रीवा और उत्तर प्रदेश के लिए निकल पड़े हैं, जो भूखे प्यासे अपने घरों की तरफ बढ़ रहे हैं.

दरअसल, छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़ से सैकड़ों की संख्या में मजदूर अनूपपुर से होते हुए अपने गंतव्य की ओर उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के सीधी, सिंगरौली,सतना, रीवा जा रहे हैं. ऐसे ही मजदूर रायपुर से अनूपपुर शहर से होते हुए गुजरे, जो अपने घर जा रहे हैं. मजदूरों ने बताया कि, वह सभी लोग रायपुर की एक फैक्ट्री में काम करते हैं. लेकिन लॉकडाउन के चलते जमा पूंजी भी आधे से अधिक खत्म हो गई. जिसके बाद सभी ने घर जाने का मन बनाया. पैदल जाना मुश्किल था. इसलिए साइकिल खरीद कर घर की ओर चल दिए हैं. उन्होंने कहा कि, वह सभी किराए के मकान में रहते हैं . लॉकडाउन में फैक्ट्री का काम बंद हो गया है. मकान मालिक ने कुछ दिन के लिए राशन दिया था, फिर उसने भी घर जाने के लिए कह दिया.
उन्होंने करीब डेढ़ सौ किलोमीटर पैदल सफर किया. जब पैर में छाले पड़ गए, तो जमा पूंजी से रास्ते में बिलासपुर में सेकंड हैंड साइकिल खरीदी, फिर साइकिल से घर के लिए निकल पड़े हैं. मजदूर बब्बू और मिथिलेश ने बताया कि, 280 किलोमीटर से हम लोग चले आ रहे हैं. एक जगह पर पेंड्रा के पास समाजसेवियों ने भोजन करवाया है. अब अनूपपुर के चचाई शहर में भोजन करने को मिला है. रास्ते में कहीं कुछ नहीं मिला. जब वो निकले तो हाईवे पर जगह-जगह सैकड़ों दिहाड़ी मजदूर पैदल चलते हुए दिखे. मजदूरों ने कहा कि, शासन प्रशासन से बेहतर तो वो लोग हैं, जो गांव और शहर में लोगों को तपती धूप में पैदल चल रहे मजदूरों को भोजन और पानी पहुंचा रहे हैं.