अनूपपुर। नर्मदा सेवा यात्रा के समापन अवसर पर 15 मई 2017 को अमरकंटक पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली मिनी स्मार्ट सिटी के रूप में अमरकंटक को विकसित करने की घोषणा की थी. इसके चलते अमरकंटक में व्यवस्थित दुकानें सुविधा जनक आंतरिक मार्ग और सुंदर राम घाट के निर्माण सहित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 33 करोड़ रूपए स्वीकृत किया गया था. इसके लिए ठेकेदार ने काम शुरु ही किया था कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इस पर रोक लगा दी. जिसके चलते नर्मदा महोत्सव में पहुंचने वाले श्रद्धालु परेशान होंगे.
अधूरा न रह जाए अमरकंटक के मिनी स्मार्ट सिटी बनने का सपना
अमरकंटक को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने के लिए शुरु किए गए काम पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रोक लगा दी थी. जिस पर फिर काम शुरु होने की बात अर्बन डेवलपमेंट लिमिटेड कंपनी जबलपुर के प्रोजेक्ट मैनेजर ने कही है.
ये एसटीपी राम घाट के समीप बनाई जा रही थी, इसके लिए जिस जगह का चयन मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट लिमिटेड कंपनी जबलपुर के अधिकारियों ने किया था. उसे एनजीटी ने उचित नहीं माना और काम रोक दिया. उसी तरह मिनी स्मार्ट सिटी के अंर्तगत बीत दो सालों में अधिकारी आवास के लिये जमीन नहीं तालाश पाये हैं. वहीं बिल का भुगतान नहीं करने के चलते ठेकेदार ने काम करने से मना कर दिया है, ऐसे में अधूरा सड़क निर्माण और आधी-अधूरी दुकानें मुसीबत का कारण बनती जा रही हैं.
वहीं इस संबंध में मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट लिमिटेड कंपनी जबलपुर के प्रोजेक्ट मैनेजर एके नंदा का कहना है कि कंपनी काम पूरा कराने पर में लगी है. ठेकेदार जल्द काम शुरू करेगा, जो भी कारण थे, उन्हे दूर कर लिया गया है. पर्यावरण विभाग भी मंजूरी मिल गई है. वैसे भी रामघाट के समीप इंटरमीडिएट पम्पिंग स्टेशन बनाया जा रहा था न कि ट्रीटमेंट प्लांट.