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बेमौसम बारिश ने किसानों पर ढाया सितम, हजारों क्विंटल धान भीगा - Primitive Caste Service Cooperative Society

बेमौसम बारिश ने किसानों की परेशानियां बढ़ा दी हैं. वहीं बरबसपुर में विभागीय अधिकारियों और सोसायटी प्रबंधक की लापरवाही के कारण 10 हजार क्विंटल से अधिक धान की बोरियां बारिश में गीली हो गई.

Unseasonal rainstorm
बेमौसम बारिश का सितम

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Published : Jan 4, 2020, 8:17 AM IST

Updated : Jan 4, 2020, 9:52 AM IST

अनूपपुर। जिलेभर में तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश से जहां जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है, वहीं किसानों से खरीदा गया हजारों क्विंटल धान भी भीग गया है. दरअसल इसका भंडारण खुले में किया गया था. बरबसपुर में विभागीय अधिकारियों और सोसायटी प्रबंधक की लापरवाही के चलते 10 हजार क्विंटल से अधिक धान की बोरियां बारिश में गीली हो गई. कुछ बोरियां अब भी पानी के जमाव के कारण भीगकर सड़ने की कगार पर है.

बेमौसम बारिश का सितम

आशंका है कि अगर एकाध दिन और बारिश हुई तो धान की सभी बोरियां सड़ जाएंगी. 1 हजार 815 रुपए के समर्थन मूल्य से किसानों से खरीदे गए लाखों रुपए के धान के नुकसान की आशंका है. वहीं कर्मचारियों का कहना है कि बिजली के अभाव में यह हालात बनी है.

जानकारी के मुताबिक जिले में खरीफ उपार्जन के लिए 20 केन्द्र बनाए गए हैं. जिनमें 9 केन्द्रों पर उपार्जन के साथ भंडारण की व्यवस्था की गई है. इनमें अनूपपुर कृषि उपज मंडी अंतर्गत दो स्थानों कृषि उपज मंडी परिसर और बरबसपुर ओपन कैंप में खरीदी और भंडारण हो रहा है. साथ ही जिन स्थानों पर गोदाम की व्यवस्था नहीं है, उन उपार्जन केन्द्रों से धान खरीदी कर बरबसपुर ओपन भंडारण कैंप पर परिवहन कर लाया जा रहा है. इसमें बरबसपुर ओपन कैंप पर अब तक 758 पंजीकृत किसानों में से 325 किसानों द्वारा 11 हजार 902 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है.

बताया जा रहा है कि ओपन कैंप में 1 लाख मीट्रिक टन धान भंडारण की क्षमता है, जिसके कारण अनूपपुर के स्थानीय उपार्जन केन्द्र आदिम जाति सेवा सहकारी समिति दुलहरा, अमलाई, पयारी नम्बर 01, पटनाकला, जैतहरी विकासखंड के धनगवां, वेंकटनगर, जैतहरी, पुष्पराजगढ़ विकासखंड राजेन्द्रग्राम, बेनीबारी, भेजरी और दमेहड़ी जैसे उपार्जन केन्द्रों का धान भी गोदाम के अभाव में भंडारण के लिए बरबसपुर पहुंचता है. यह हालात सिर्फ बरबसपुर ओपन कैंप की नहीं, बल्कि जिले के कोतमा, वेंकटनगर, सहित अन्य मुख्य उपार्जन केन्द्रों पर बनी है. लोकिन सरकार द्वारा खरीदे गए धान का सही तरीके से भंडारण नहीं किया गया.

जिले में चारों विकासखंड के 485 गांवों से 12 हजार 4 किसानों ने धान उपार्जन के लिए अपना पंजीयन कराया था. यहां 2 दिसम्बर से आरम्भ हुई खरीदी में अब तक 4 हजार 147 किसानों ने 1 लाख 87 हजार 897 क्विंटल धान की बिकवाली की है. इनमें अब तक कुल 1 लाख 44 हजार 30 क्विंटल धान का ही परिवहन हो सका है, बाकी बचा 45 हजार 867 क्विंटल धान उपार्जन केन्द्र पर असुरक्षित भंडारित है. ग्राम पंचायत स्तर पर बिजली की आपूर्ति के कारण बोरियों की सिलाई नहीं हो सकी और ना ही उनका भंडारण, जिसके कारण 31 दिसम्बर से शुरू हुए खुले कैंप में असुरक्षित रखी गई धान की सभी बोरियां बारिश में भीग गई हैं.

Last Updated : Jan 4, 2020, 9:52 AM IST

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