अनूपपुर। जैतहरी जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत सिंघौरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के द्वारा बड़ी लापरवाही सामने आई है. कोरोना संक्रमण काल में भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मनमानी से नहीं चूक रहे हैं. अस्पताल के जिम्मेदारों को अपने पक्ष में लेकर एएनएम जैसी स्वास्थ्य कर्मियों की भी नौकरी के नाम पर मौज चल रही है. इसी बड़ी लापरवाही से गर्भवती महिला की मौत हो गई.
एक ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा सुरक्षित प्रसव के लिए तमाम लोक कल्याणकारी योजनाए चलाई जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर उनके मातहत कर्मचारियों द्वारा उन कल्याणकारी योजनाओं में ग्रहण लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है. जिसका ताजा उदाहरण जिले के जैतहरी जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत सिंघौरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला है. यहां पदस्थ एएनएम शशिकला पटेल की लापरवाही के कारण 35 वर्षीय प्रसूता की मौत हो गई है.
ग्राम पोंड़ी में निवासरत कीर सिंह यादव की पत्नी ऊषा यादव जो गर्भवती थी, अचानक प्रसव पीड़ा होने पर उसके परिजनों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सिंघौरा में पदस्थ एएनएम शशिकला पटेल को जाकर इसकी सूचना दी. जिस पर एएनएम शशिकला पटेल ने कहा कि कोरोना के कारण हम कुछ नहीं कर सकते हैं, आप उसे बाहर ले जायें. परिजनों के बार बार कहने पर भी एएनएम ने उनकी एक न सुनी, जिसके बाद परिजन वहां से वापस घर आ गए. घर में ही कुछ घंटों के बाद प्रसूता ने एक बच्चे को जन्म देकर अपना दम तोड़ दिया.
एएनएम की लापरवाही से प्रसूता ऊषा यादव की मौत हो जाने के कारण परिजनों के साथ साथ ग्रामीणों में भी अस्पताल प्रबंधन के प्रति आक्रोश देखने को मिल रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ना तो कभी डॉक्टर रहते हैं, ना ही किसी प्रकार की सुविधा रहती है. जिससे ग्रामीणों को इलाज के दौरान परेशानियां होती हैं. अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है, इसके पहले भी इनके द्वारा मरीजों के साथ कई तरह से लापरवाही की जा चुकी है. वहीं अस्पताल में पदस्थ डॉ विनोद कुमार ईद की चांद की तरह महीने में एक बार दिखाई देते हैं.