अनूपपुर।आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं लचर हो चली हैं. मध्य प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार को लेकर काफी दावे करती है, किन्तु जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. पुष्पराजगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Poor health systems in Anuppur) हमेशा ही सुर्खियां बटोरता रहता है. आदिवासी अंचल क्षेत्र में डॉक्टरों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है. राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा समुदाय हैजा जैसी गभीर महामारी के चपेट में आ गया है. इस महामारी का प्रकोप इतना भयंकर है कि पूरे गांव को इसने अपने आगोश में ले लिया है.
तीन महिलाओं ने तोड़ा दम
ग्राम कालाडीह (महोरा) में उल्टी दस्त के कारण तीन महिलाओं (tribe woman died in anuppur) ने दम तोड़ दिया. उल्टी दस्त की सूचना मिलते ही पंचायत सचिव संजय के द्वारा सभी बीमारों को दमेहड़ी स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया. जहां से अधिक गंभीर हालत में 20 लोगों को राजेन्द्रग्राम चिकित्सालय लाया गया, जहां सभी का इलाज जारी है. एक जनवरी को सूचना मिलते ही विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी के साथ चिकित्सकीय दल मौके पर पहुंचा और सभी गंभीर बीमारों को राजेन्द्रग्राम में भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है.
क्यों बीमार पड़ रहे लोग ?
महोरा ग्राम पंचायत के ग्राम कालाडीह में 40 बैगा परिवार रहते हैं. एक जनवरी, शनिवार को उल्टी दस्त से झिंगिया बाई ( 35),पति सोन, गोबली बाई (32) पति राजदा एवं भागवती (40) पति रतन बैगा की मौत हो गयी. पंचायत सचिव संजय ने सभी बीमारों को आनन-फानन में दमेहड़ी चिकित्सालय में उपचार के लिये भर्ती (cholera in anuppur) करवाया. सूचना मिलते ही चिकित्सीय दल गांव में पहुंच गया. दमेहड़ी से गंभीर 20 लोगों को राजेन्द्रग्राम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में लाया गया है. अन्य सभी का इलाज दमेहड़ी में जारी है. घटना के बारे में जानकारी मिल रही है कि किसी कार्यक्रम में खाने के बाद लोग बीमार पड़ना शुरू हो हुए.
मरीजों का हाल जानने पहुंचे कांग्रेस विधायक
इस दुखद घटना की सुचना जैसे ही पुष्पराजगढ़ कांग्रेस विधायक फुन्देलाल सिंह मार्को को लगी वैसे ही विधायक ने सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पुष्पराजगढ़ का दौरा किया. गंभीर महामारी से ग्रसित बैगा समुदाय के मरीजों का हाल जाना. अस्पताल प्रबंधन को तत्काल कालाडाही गांव में स्वास्थ शिविर लगाने के निर्देश दिए.