जबलपुर/अनूपपुर। यह जनहित याचिका मैहर निवासी विजय कुमार श्रीवास्तव की ओर से दायर की गई है. जिसमें कहा गया है कि मैहर शारदा मंदिर समिति का अध्यक्ष जिला कलेक्टर होता है और प्रशासक एसडीओ को नियुक्त किया गया है. इसके बावजूद वर्ष 2002 के बने नियमानुसार समिति का गठन किया गया, लेकिन किसी भी तरह की जानकारी जब आरटीआई के तहत मांगी जाती है तो समिति साफ इंकार कर देती है, जोकि अवैधानिक है. मामले में सचिव धार्मिक न्याय, कमिश्नर रीवा, सतना कलेक्टर, एसडीओ मैहर व मैहर शारदा देवी मंदिर प्रबंधन समिति को पक्षकार बनाया गया है. सुनवाई के बाद न्यायालय ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आशीष रावत ने पक्ष रखा.
महाधिवक्ता को पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किया :हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ को बताया गया कि महाधिवक्ता को सरकार ने पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किया है. इसके अलावा लॉ ऑफिसर को पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की जिम्मेदारी दी गयी है. याचिकाकर्ता ने युगलपीठ को बताया कि याचिका में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर को अनावेदक बनाया गया है. जिन्होंने अभी तक जवाब पेश नहीं किया. पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की नियुक्त के लिए हाईकोर्ट की सहमति अनिवार्य है. अधारताल निवासी ज्ञानप्रकाश की तरफ से दायर याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया था कि राज्य सरकार द्वारा नियमों की अनदेखी करके डायरेक्टर प्रॉसिक्यूशन के पद पर नियुक्ति नहीं की जा रही, जो अवैधानिक है. अगली सुनवाई जनवरी माह के तीसरे सप्ताह में निर्धारित की गई है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष स्वयं रखा।