अनूपपुर। शिवलहरा धाम लोगों की श्रृद्धा और आस्था का केन्द्र बना हुआ है. जहां भगवान शिव की आराधना की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शिवलहरा की गुफाओं में पांडवों ने अपने अज्ञातवास का समय व्यतीत किया था. यहां 5 गुफाएं बनी हुई हैं. जिसमें पांचों भाइयों के नाम का शिवलहरा गुफाओं में पुरातत्व भाषा ब्रह्मी और शंखलिपि में लेख हैं. कलेक्टर सोनिया मीना ने शिवलहरा गुफाओं का भ्रमण कर गुफा के पुरातात्विक इतिहास आदि की जानकारी प्राप्त करते हुए इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के संबंध में चर्चा की.
कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश :कलेक्टर ने स्थानीय शासकीय अमले तथा ग्रामवासियों को शिवलहरा के पुरातात्विक इतिहास व इसके महत्व की जानकारी देकर यहां आने वाले लोगों को जागरूक करने के संबंध में जिला पुरातत्व एवं पर्यटन संस्कृति परिषद अनूपपुर के माध्यम से कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिये हैं. इस संबंध में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक के पुरातत्व संकाय के प्रमुख आलोक श्रोतीय ने बताया कि गुफाओं में अंकित ब्राह्मी लिपि के अभिलेखों से इन गुफाओं का निर्माण प्रथम शताब्दी ईस्वी में हुआ ज्ञात होता है. गुफाओं में अंकित अभिलेख ब्राह्मी तथा शंखलिपि में लिखे हुए हैं.श्रोतीय ने इन गुफाओं के प्रलेखीकरण का कार्य किया है.