अनूपपूर। प्रदेश के सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने दावा किया है कि राशन वितरण को लेकर विसंगतियां दूर कर दी गई हैं. आगामी 7 अगस्त से जरूरतमंदों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन वितरित किया जाएगा. दस किलो के बैग पर PM और CM की तस्वीर को लेकर सवाल खड़े किए गए तो मंत्री जी ने कहा ब्रांडिंग में कोई हर्ज नहीं.
राशन घोटला! हेरफेर के आरोप में घिरे खाद्यन्न संचालक, कार्रवाई के बाद FIR दर्ज
प्रदेश में राशन की 25 हज़ार से ज्यादा दुकानें
मध्यप्रदेश में 25 हज़ार से अधिक राशन की दुकानें हैं जिनके जरिए 1 करोड़ 12 लाख गरीबों को मुफ्त राशन दिया जाता है, जिसमें सहकारिता विभाग के तकरीबन 16000 सहकारी समितियां है साढ़े चार हजार उपभोक्ता सहकारी भंडार और डेढ़ सौ समितियां दुकानों हैं ,स्व सहायता समूह और निजी क्षेत्र को भी दुकानें दी गयी हैं.
वन नेशन वन राशन फिर भी खाली हाथ, करें तो क्या?
वन नेशन वन राशन मुहिम के तहत देश में कहीं भी राशन लिया जा सकता है. योजना शुरू तो हो गई लेकिन अभी भी हाल यह है कि लोगों को राशन मिल नहीं पा रहा है. विसंगतियां बहुत हैं. कई जगह तो वितरित करने वाले ही राशन भोगी बन बैठे. ऐसा ही एक मामला जिला रायसेन की तहसील उदयपुरा से सामने आया. जहां वितरण सेंटर पर बैठे जिम्मेदारी ने 1 से 2 महीने का राशन हड़प लिया. शिकायतों के बाद भी रसूखदार से संबंध काम आया और सेल्समैन के खिलाफ FIR तक दर्ज नहीं हुई. यदि हुई भी तो मामूली धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया.
दिग्गी बोले ये है महाराशन घोटाला
राज्य सरकार के खिलाफ मुखर रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इसे महाघोटाले का नाम भी दिया. उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश में महाराशन घोटाला हुआ है.
कोरोना काल में राशन का हवाला देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा- गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के करीब 4 करोड़ 45 लाख लोगों को निशुल्क राशन वितरण में की गई अनियमितता सामने आईं. खाद्य सुरक्षा मिशन के हितग्राहियों के पोर्टल पर किसी भी तरह की एंट्री नहीं की गई है. माफिया से जुड़े लोगों ने 5 महीने की जगह 2 से 3 माह का आधा अधूरा राशन दिया.
सहकारिता मंत्री का दावा- हकदार को मिला रहा है हक
सहकारिता मंत्री दिग्गी राजा की कही को सिरे से नकारते हैं. साथ ही दिग्विजय सिंह की कमियां गिना देते हैं, उनकी आदतों का बखान करते हैं, उन ख्वाबों की बात करते हैं जिनसे अब तक पूर्व CM मुक्त नहीं हो पा रहें हैं. कहते हैं- मध्यप्रदेश में हर गरीब को अनाज मिल रहा है और इसी वजह से दिग्विजय सिंह के पेट में पीड़ा होती है. वह सामंती सोच के हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री रहते अनाज घोटाला ,रेत माफियाओं के साथ तालमेल किया.