अनूपपुर। जब न्याय की सारी आस टूट जाती है तो फरियादी को सत्याग्रह जैसे रास्ते चुनने पड़ते हैं. ऐसा ही एक मामला अनूपपुर जिले से आया है. यहां एक बुजुर्ग महिला अपनी जमीन हासिल के लिए कई सालों से शासन, प्रशासन और आलाधिकारियों के चक्कर लगा रही थी. लेकिन उसे आज तक न्याय नहीं मिला.
जमीन वापस पाने के लिए बुजुर्ग महिला ने चुना अहिंसा रास्ता, गांधी जी की जयंती पर शुरु किया सत्याग्रह
अनूपपुर में आदिवासी पीड़िता भिख मतिया बाई कोल ने गांधीवादी विचारधारा पर चलते हुए गांधी जयंती के दिन ही अन्न त्याग कर सत्याग्रह प्रारंभ कर दिया है. उनका कहना है पटवारी ने धोखे से उनकी जमीन हड़पी है.
आखिरकार बुजुर्ग महिला ने सत्याग्रह का रास्ता चुना और गांधी जी की 150 वीं जयंती पर अपना धरना शुरु किया. बुजुर्ग महिला का मानना है कि वह तब तक सत्याग्रह पर बैठी रहेगी जब तक उसे उसकी जमीन नहीं मिल जाती है. पीड़ित बुजुर्ग महिला ने मांग करते हुए कहा कि आरोपी पटवारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष रामलाल सिंह रौतेल ने बताया कि बुजुर्ग महिला की जमीन को स्थानीय पटवारी ने कूटरचित तरीके से हड़प लिया है. फरियादी ने प्रशासन के सभी आलाधिकारियों से मिलकर न्याय की मांग की है.
क्या है मामला
पीड़िता का आरोप है उसकी एकड़ों जमीन पर पटवारी ने 20 डिसमिल जमीन बेचने की बात कहकर एक एकड़ की जमीन धोखे से अपने नाम करवा ली और उस पर कब्जा कर लिया. फरियादी का आरोप है कि आरोपी पटवारी रमेश सिंह ने उसे पहले विश्वाश में लेकर उसकी जमीन का सौदा 1 लाख 80 हजार में उससे तय हुआ लेकिन महिला के पास तय हुई रकम आज तक नहीं आई है.