जबलपुर।अनूपपुर जिले के बिजुरी निवासी राजेश द्विवेदी की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि बिजुरी नगर परिषद अविकसित है और बहुसंख्यक आबादी आदिवासी है. नगर परिषद बिजुरी द्वारा एवं अन्य अधिकारियों की संरक्षण में 50 करोड़ रुपये की राशि से अधिक का भ्रष्टाचार होने संबंधित खबर अखबार में प्रकाशित हुई थी. इसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की. नगर परिषद बिजुरी द्वारा नागरिकों को पीने के लिए काला पानी और गुणवत्ता विहीन सड़क, मनमाने तरीके से बिल बनाकर सरकार के खाते से भुगतान जैसे अनेक कार्यो में अनियमितताएं पाई गयी थीं.
ऑडिट रिपोर्ट्स में भ्रष्टाचार उजागर :पूर्व में किये गए ऑडिट रिपोर्ट्स में भी नगर परिषद बिजुरी द्वारा बड़े भ्रष्टाचार को उजागर किया गया था. भ्रष्टाचार और आदिवासियों के डेवलपमेंट के लिए दी गई राशि का दुरुपयोग होते देखकर इस संबंध में कई बार संचालक शहरी प्रशासन और विकास निदेशालय भोपाल मप्र तथा सह संचालक शहरी प्रशासन और विकास निदेशालय शहडोल एवं आर्थिक अपराध शाखा भोपाल को पत्र लिखे गये. जिस पर जांच के आदेश हुए और भ्रष्टाचारी होने के संबंध में जांच प्रतिवेतन भी प्रस्तुत किये गये. इसके बावजूद भी दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी.