अनूपपुर। कोतमा तहसील में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है. कथा वाचक श्रद्धेय व्यास कृष्ण वेणु ने कहा कि प्रेम से बढ़कर धर्म और धन कोई नहीं है. प्रेम ही जीवन की असीम संपत्ति है, जो कि किसी से छीनने पर नहीं मिलती न मांगने पर मिलती है, वह हमेशा देने पर दोगुनी मिलती है.
कथावाचक कृष्ण वेणु ने कहा कि कथा दिखावे, आडम्बर और तामझाम के लिए नहीं है, बल्कि ज्ञान को प्रसारित करने और जीवन को मोक्ष दिलाने का एक माध्यम है. भागवत कथा में होने वाले विभिन्न खर्चों को बचाकर किसी जरूरतमंद की मदद करना सबसे बड़ा पुण्य का काम है. साथ ही रूक्मिणी विवाह में आए नकदी, आभूषण और उपहारों को किसी गरीब कन्या को देने का आग्रह किया.