अनूपपुर। जिले के अनूपपुर जनपद में रहने वाली बैगा जनजाति आज भी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है. ग्राम पंचायत धुरवासिन के अंतर्गत आने वाले बैगा जनजातियों के गांव जुनवानी पीने के साफ पानी के लिए तरस रहा है. यह हालत तब हैं जबकि मध्य प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह के पैतृक गांव से जुनवानी महज 10 किलोमीटर की दूरी पर है. बैगा जनजाति की तीन पीढ़ियां अभी तक यहां रह चुकी हैं, पर आज तक प्रदेश सरकार की तरफ से इनके विकास के लिए किसी भी प्रकार की कोई कार्ययोजना नहीं बनाई गई.
मूलभूत सुविधा से कोसों दूर
लगभग 100 लोगों की आबादी वाली बैगा जनजाति समूह के लिए गांव में न बिजली की व्यवस्था है और न ही पानी की. ग्रामीण जैसे-तैसे अपनी जीवन की गुजर कर रही हैं. यही नहीं गांव तक जाने के लिए एक सड़क तक नहीं हैं. बैगाओं की तीन पीढ़ियों ने ऐसे ही आभावों में जीवन गुजारा है.
गांव में आज तक नहीं हुआ विकास
60 साल की बुजुर्ग तिजिया बैगा बताती हैं कि गांव में न बिजली है और न ही पानी. बरसात के समय हम लोग गोहडारी नदी से पानी पीते हैं. गांव में एक कुआं है. बरसात के समय में उसका पानी गंदा हो जाता है, जिसके चलते नदी में आकर गड्ढा कर उससे पानी भरा जाता है. उस पानी को लेकर पगडंडी के सहारे घर तक पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि गांव में आज तक किसी भी प्रकार का कोई विकास कार्य नहीं हुआ है.
नदी से पानी लाकर पीते हैं ग्रामीण
वहीं 55 साल की फूलमती बैगा बताती हैं कि बैगा जनजाति नरक का जीवन जीने पर विवश है. आज भी हम नदी का पानी ही पीते हैं. 60 वर्षीय रामू बैगा शिकायती लहजे में कहते हैं कि हमारे यहां चुनाव के समय वोट मांगने के लिए नेता आते हैं. व्यवस्थाएं ठीक करने का वादा भी कर देंगे, इसके बाद गांव की कोई सुध नहीं लेता.