अलीराजपुर। मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोना के चलते बंद स्कूलों को लेकर एक नया प्रोग्राम 'हमारा घर हमारा विद्यालय' बनाया है. जिसमें शिक्षक बच्चों के घर-घर जाकर उन्हें पढ़ाएंगे. इस कार्यक्रम की शुरुआत प्रदेश भर में आज 6 जुलाई सोमवार से की गई है और इसका शुभारंभ भी किसी नेता या हस्ती से न कराकर बच्चों के माता-पिता से थाली बजाकर करवाया गया है. लेकिन सरकार के पास सबसे बड़ी चुनौती यह है कि अलीराजपुर जिले जिसे 2011 की जनगणना में सबसे कम साक्षरता वाला जिला है, वहां ऐसे कार्यक्रमों से आखिर कैसे बच्चों को साक्षर किया जाएगा.
क्या अलीराजपुर को साक्षर बनाने में सफल होगा 'हमारा घर हमारा विद्यालय' अभियान ? - 'हमारा घर हमारा विद्यालय' अभियान की शुरुआत
प्रदेश सरकार द्वारा शुरु किए गए अभियान हमारा घर हमारा विद्यालय की शुरुआत हो चुकी है. इस अभियान में बच्चें अपने घर में रहकर ही पढ़ेंगे. ऐसे में सबसे कम साक्षर जिले को इस अभियान के माध्यम से साक्षर करना विभाग के लिए भी चुनौती है.
दरअसल, कोरोना वायरस के कारण काफी समय से स्कूल बंद हैं और ऐसे में बच्चों को अनके पालकगण भी स्कूल भेजने में डर महसूस करने लगे हैं और इसी के चलते मध्य प्रदेश सरकार ने नया कार्यक्रम बनाया है. जिसमें शिक्षक बच्चों के घर पर ही जाकर उन्हें ज्यादा से ज्यादा होमवर्क देंगे और हर बच्चें की मॉनिटरिंग करेंगे.
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि सुदूर ग्रामीण इलाके या फिर अलीराजपुर जिले जैसे आदिवासी बहुल इलाकों में ऐसे कार्यक्रम किस प्रकार सफल हो पाएंगे. क्योंकि अलीराजपुर जिले की बात करें तो ये 2011 की जनगणना में देश का सबसे कम साक्षरता वाला जिला साबित हुआ था. स्कूल शिक्षा विभाग के सामने भी कड़ी चुनौती है कि ऐसे कम साक्षरता वाले जिले में हमारा घर हमारा विद्यालय जैसे कार्यक्रमों को सफल बनाना और यदि ये पहल सफल होती है तो ये अपने आप में बड़ी बात होगी.